KNEWS DESK- दिल्ली के जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास में विगत 12 मार्च को लगी आग और भारी मात्रा में नकदी बरामदगी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना के द्वारा बुलाई गई कॉलेजियम बैठक और पुनः मूल कैडर इलाहाबाद हाईकोर्ट में वापस ट्रांसफर मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील मुखर होकर जस्टिस वर्मा के ट्रांसफर के खिलाफ आ गए है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने मगंलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा करके न्यायकार्य से खुद को विरत् रखने का एलान कर दिया है। हाईकोर्ट बार एसोशियशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी के घर पर हुई देर रात बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक जस्टिस वर्मा का इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर निरस्त नहीं किया जाता, तबतक इलाहाबाद हाईकोर्ट के सारे वकील अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। बार एसोशिएशन ने केन्द्र सरकार से कॉलेजियम मामले में हस्तक्षेप करके ट्रांसफर आदेश रद्द करने की भी मांग की है। बैठक में ये भी निर्णय लिया गया है कि अगली सूचना तक फोटो एफिडेविड सेंटर भी बंद रहेगा।
जस्टिस वर्मा ने कैश मामले में दी सफाई
जस्टिस यशवंत वर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई देते हुए चीफ जस्टिस देवेन्द्र उपाध्याय को पत्र लिखकर दी। उन्होंने पत्र मे लिखा कि अग्निकांड वाले दिन मैं और मेरी मध्यप्रदेश में थे। घर पर मेरी बेटी और माँ थीं और 15 मार्च को वो अपने घर पहुँचे थे। उन्होंने लिखा कि जब 15 मार्च को वो घर पहुँचे तो उन्हें कैश बरामदगी की सूचना न तो घर के सदस्यों ने दी और न ही स्टाफ ने दी। उन्हें इस मामले की जानकारी मीडिया की खबरों से मिली। जस्टिस वर्मा ने पत्र में बताया कि जिस कमरे से कैश बरामद हुआ है वो स्टोर रूम है और वहां फर्नीचर, बागवानी, स्पीकर, कारपेट, बोतल आदि रखे रहते हैं और वह रूम हमेशा खुला रहता है ताकि जरूरत पड़ने पर कोई भी वहां जाकर सामान निकाल सके।
इसके अलावा वो परिसर से जुड़ा भी नहीं है। उन्होंने इसे साजिश करार देते हुए लिखा कि सोचने वाली बात है कि कोई भी खुली जगह इतना कैश क्यों रखेगा, जहां कोई भी आसानी से पहुँच सके और चोरी कर सके। उन्होंने इसे साजिश करार देते हुए लिखा कि वर्ष 2024 में मेरे खिलाफ सोशल मीडिया में पोस्ट हुई थी शायद यह साजिश उसी का हिस्सा है।