भगवान राम को मांसाहारी बताने वाले जितेंद्र को रामभद्राचार्य ने दिया जवाब, सुंदरकांड के जरिए शाकाहारी होने का दिया प्रमाण

KNEWS DESK – एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड भगवान राम को मांसाहारी बताकर बुरी तरह फंस गए हैं| उनके बयान से सड़क से लेकर सियासी गलियारों तक घमासान मचा हुआ है| माफी मांगने के बाद भी उनको विरोध का सामना करना पड़ रहा है| इसी कड़ी में जगद्गुरु रामभद्राचार्य का बयान सामने आया है। धार्मिक गुरु रामभद्राचार्य ने सुंदरकांड के जरिए भगवान राम के शाकाहारी होने का प्रमाण देने की कोशिश की।

Jagadguru Rambhadracharya said I will come to Gandhi Maidan to tell ktha only when BJP is formed in Bihar | Bihar News : जगतगुरु रामभद्राचार्य ने जानें क्यों कहा, गांधी मैदान किसी

 

गुरु रामभद्राचार्य ने कहा 

रामभद्राचार्य ने कहा, जितेंद्र को खुला चैलेंज देता हूं कि मुझसे शास्त्रार्थ कर लें| मेरे पास आकर चर्चा करें, मैं जवाब के लिए तैयार हूं| मैं जगतगुरु हूं, ये सिंहासन सिंह का आसान है, गीदड़ों का नहीं| मेरा जन्म जौनपुर में हुआ है| जौनपुर की माताएं सिंह को जन्म देती हैं| मैं प्रमाण देता हूं कि भगवान राम मांस नहीं खाते थे और न हीं मदिरा पीते थे|

उन्होंने कहा- जितेंद्र आव्हाड ने गलत बयान दिया है कि भगवान राम शाकाहारी नहीं थे। उसका ये बयान शरारतपूर्ण है। भगवान राम शाकाहारी ही थे। सुंदरकांड में इसका जिक्र है। सुंदरकांड के 36वें सर्ग के 41वें श्लोक में स्वयं हनुमान जी सीता जी से कहते हैं कि रघुकुल का कोई भी व्यक्ति मांस नहीं खाता।

कंद, मूल और फल का सेवन करते थे भगवान राम 

इसके साथ ही रामभद्राचार्य ने वाल्मिकी रामायण के उत्तरकांड पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उत्तरकांड तो प्रक्षिप्त है। वाल्मिकी रामायण के उत्तरकांड को प्रमाण नहीं माना जाता। रामभद्राचार्य ने कहा कि ये गलत बात है कि वनवास में शिकार करके खाना पड़ता था। वन में कंद, मूल और फल होते थे, भगवान राम इन्हें ही खाते थे। उन्होंने नमक से मिश्रित भोजन भी नहीं किया तो मांसाहार क्यों करेंगे|

गुरु ने बयान को बताया शरारत पूर्ण 

रामभद्राचार्य ने आगे कहा कि वाल्मिकी रामायण के अयोध्या कांड के 20वें सर्ग के 29वें श्लोक में भगवान राम प्रतिज्ञा करते हैं कि मैं 14 वर्ष तक कंद, मूल, फल से अपनी जीविका चलाता हुआ मुनियों की भांति वन में निवास करूंगा। मैं राजकीय भोजन को छोड़कर 14 साल के लिए वनवास करूंगा। रामभद्राचार्य ने आगे कहा कि जब भगवान राम नमक से मिश्रित भोजन भी नहीं करते थे, तो मांसाहार क्यों करेंगे। आव्हाड का ये पूरा बयान शरारत पूर्ण है। श्री राम भगवान शुद्ध सात्विक और मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। मांस, मदिरा या किसी भी तामसी वस्तु का वे सेवन नहीं करते।

जितेंद्र आव्हाड ने भगवान राम को बताया था मांसाहारी 

दरअसल, महाराष्ट्र में भाजपा विधायक राम कदम ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को ध्यान में रखते हुए 22 जनवरी को शराब और मांसाहार पर बैन लगाने की अपील की थी। इसके बाद आव्हाड ने भगवान राम को मांसाहारी कहने वाला विवादित बयान दिया। इसके बाद से ही उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए थे। हालांकि अब आव्हाड ने माफी मांग ली है, लेकिन उन्होंने वाल्मिकी रामायण का हवाला देते हुए कहा है कि इसमें भगवान राम के मांसाहारी होने का जिक्र है। बाकी मैं विवाद को आगे नहीं बढ़ाना चाहता।

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