रिपोर्ट- कुलदीप पंडित
उत्तर प्रदेश – श्रीराम मंदिर के भव्य निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आज पूरा देश राममय धुन में रम सा गया है| वहीं यूपी के बागपत के एक गरीब किसान जिन्होंने 6 वर्षो की मेहनत और लगन के बाद बांस की कलम से लिखकर रामचरितमानस जैसा अनोखा ग्रन्थ तैयार कर दिया | कलयुग के इस तुलसीदास ने अब मुख्यमंत्री से हनुमान जैसा कोई दूत भेजने की गुहार लगाई है जो कि उनके लिखे इस ग्रंथ को अयोध्या के श्री राम मंदिर तक पहुंचा सके |
दरअसल आपको बता दें कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भव्य निर्माण और 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आज पूरे देश में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है। जब न्यायालय द्वारा प्रभु श्रीराम जन्मभूमि पर फैसला सुनाया गया और भाजपा सरकार द्वारा मंदिर के भव्य निर्माण करने की घोषणा की गयी उसी समय बागपत के अंगदपुर में रहने वाले गरीब किसान राकेश शर्मा ने एक ग्रंथ लिखने का संकल्प कर उस ग्रंथ को अपने सर पर रखकर ‘भगवान श्रीराम’ की जन्मभूमि ‘अयोध्या’ में स्थित श्रीराम मंदिर तक 715 किलोमीटर की नंगे पैर पदयात्रा कर मंदिर के पुजारी को सौंपने का निर्णय लिया था। 14 अप्रैल वर्ष 2018 से राकेश शर्मा इस ग्रंथ को लिख रहे हैं। छः वर्षो की मेहनत और लगातार लिखने के बाद भगवान श्रीराम का सम्पूर्ण जीवन बड़े ही मनमोहक शब्दों में इस ग्रन्थ में वर्णित किया गया है। जो कि 2 जनवरी वर्ष 2024 को पूरा हो गया लेकिन स्वास्थ खराब होने के कारण अब राकेश शर्मा लाचार और असहाय दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर हनुमान जैसा कोई दूत भेजने की गुहार लगाई है,जो कि उनका यह ग्रंथ अयोध्या तक ले जा सके। स्वास्थ्य ख़राब होने के कारण वो पदयात्रा नहीं कर सकते हैं।
अब देखना यह होगा कि राकेश शर्मा के इस पत्र पर सूबे के मुखिया क्या निर्णय लेते हैं। हालांकि राकेश शर्मा को पूरी उम्मीद नजर आ रही है कि उनका लिखा यह ग्रन्थ जरूर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान “श्रीराम” के श्री चरणों तक जायेगा ।