उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए समय अब बेहद कम रह गया है। ऐसे में तमाम राजनीतिक दलों ने इस दंगल को फतह करने के लिए तैयारी तेज कर दी है। इन्ही तैयारियों के बीच धामी सरकार ने पार्टी के वरिष्ठ 11 नेताओं को दायित्व बांटे हैं। इससे पहले सरकार ने 27 सितंबर को 10 वरिष्ठ नेताओं को दायित्व बांटे थे…..माना जा रहा है कि चुनाव से पहले सरकार जल्द ही दायित्वधारियों की और सूची भी जारी कर सकती है। पिछले काफी समय से पार्टी के नेता दायित्व बंटवारे का इंतजार कर रहे थे…हांलाकि दायित्व बंटवारे के बाद कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया है कि कैबिनेट का विस्तार कब किया जाएगा…इसके साथ ही 11 दायित्वधारियों में महिलाओं की संख्या कम होने पर भी सवाल खड़े किए है….वहीं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी आलाकमान की ओर से मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, और राजस्थान में नए चेहरे को मौका दिए जाने के बाद पार्टी की सांगठनिक फोर्स बेहद उत्साहित हो गई है। हांलाकि आलाकमान की ओर से तीन राज्यों में चुनाव लड़ने, जीतने और सरकारे बनाने के केंद्रीय नेतृत्व के नए प्रयोग ने लोकसभा सीटों पर काबिज सांसदों की धड़कने तेज कर दी है। और टिकट के नए दावेदारों की उम्मीदों को पंख लगा दिये हैं। वहीं राज्य में बीजेपी के पांचों सांसदों का रिपोर्ट कार्ड केंद्रीय नेतृत्व के पास है। केंद्रीय नेतृत्व ने रिपोर्ट कार्ड तैयार करने के लिए अलग अलग माध्यमों का प्रयोग किया है। इसके लिए लिए उसने समय समय पर निजी एजेंसियों के माध्यम से सर्वे कराए हैं। इसके साथ ही सांगठनिक नेटवर्क के जरिए फीड बैक लिया है। सांसदों की क्षेत्र में सक्रियता, क्षेत्र में सांसद विकास निधि से कराए गए विकास कार्य, और जनता के बीच सांसदों की उपलब्धता के संबंध में पार्टी ने जानकारी जुटाई है। इस रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि सांसदों को दोबारा मैदान में उतारा जाए या उनकी जगह किसी अन्य चेहरे पर दांव लगाया जाए…
लोकसभा चुनाव के लिए अब पांच माह से भी कम का समय रह गया है…तमाम राजनीतिक दलों की तैयारियां तेज हो गई है। उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर इस समय भाजपा का कब्जा है। भाजपा को पूरी उम्मीद है कि 2024 में भी जनता भाजपा की जीत की हैट्रिक लगाएगी….वहीं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी आलाकमान की ओर से मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, और राजस्थान में नए चेहरे को मौका दिए जाने के बाद पार्टी की सांगठनिक फोर्स बेहद उत्साहित हो गई है। हांलाकि आलाकमान की ओर से तीन राज्यों में चुनाव लड़ने, जीतने और सरकारे बनाने के केंद्रीय नेतृत्व के नए प्रयोग ने लोकसभा सीटों पर काबिज सांसदों की धड़कने तेज कर दी है। जबकि टिकट के नए दावेदारों की उम्मीदों को पंख लगा दिये हैं। माना जा रहा है कि उत्तराखंड में भाजपा सीटिंग सांसदों के टिकट काट सकती है। हांलाकि पार्टी के नेता संसदीय बोर्ड के फैसले को अंतिम फैसला बताकर जीत का दावा कर रही है। वहीं कांग्रेस भी जीत का दावा कर भाजपा के सांसदों की जीरो परफोरमेंस बता रही है।
आपको बता दें कि राज्य की पांचों लोकसभा सीटों में बीजेपी का कब्जा है। जिसके तहत अल्मोड़ा से अजय टम्टा, टिहरी गढ़वाल से माला राज्य लक्ष्मी शाह, हरिद्वार से डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, नैनीताल-उधमसिंहनगर लोकसभा सीट से अजय भट्ट, जबकि पौड़ी गढ़वाल से तीरथ सिंह रावत मौजूदा सांसद है। और इन सभी पांचों सांसदों का रिपोर्ट कार्ड केंद्रीय नेतृत्व के पास है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही तय होगा कि सांसदों को दोबारा मैदान में उतारा जाए या उनकी जगह किसी अन्य चेहरे पर दांव लगाया जाए….वहीं लोकसभा चुनाव से पहले धामी सरकार ने पार्टी के वरिष्ठ 11 नेताओं को दायित्व बांटे हैं। इससे पहले सरकार ने 27 सितंबर को 10 वरिष्ठ नेताओं को दायित्व बांटे थे…..माना जा रहा है कि चुनाव से पहले सरकार जल्द ही दायित्वधारियों की और सूची भी जारी कर सकती है। हांलाकि दायित्व बंटवारे के बाद कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया है कि कैबिनेट का विस्तार कब किया जाएगा…
कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव के लिए अब पांच माह से भी कम का समय रह गया है। ऐसे में तमाम राजनीतिक दलों की तैयारी तेज हो गई है। हांलाकि भाजपा अपने विरोधी दलों से चुनावी तैयारियों के लिहाज से काफी आगे निकल गई है। वहीं भाजपा तमाम सांसदों के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर आगे का निर्णय लेगी…साथ ही माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा नए चेहरों पर दांव खेल सकती है। वहीं कांग्रेस भी लोकसभा चुनाव के लिए पूरी तैयारी का दावा कर रही है। कांग्रेस समेत तमाम दल एकजुटता के साथ चुनाव लड़ने और तमाम मुद्दो के सहारे भाजपा को सबक सिखाने की बात कह रहे हैं.. देखना होगा 2024 के लोकसभा चुनाव का क्या परिणाम सामने आता है