उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब भाजपा पूरी तरह से लोकसभा चुनाव को फतह करने की तैयारियों में जुट गई है….इसी के तहत उत्तराखंड में भी भाजपा ने एक बार फिर से हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी बिसात बिछानी शुरू कर दी है…खुद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन चुनावी तैयारियों में प्रतिभाग कर रहे हैं साथ ही कार्यक्रमों की समीक्षा भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सचिवालय में विकसित भारत संकल्प यात्रा की समीक्षा बैठक ली….इस दौरान उन्होने केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैँ। वहीं भाजपा ने अनुसूचित जाति के वोटों पर पकड़ बनाए रखने की भी रणनीति तैयार की है। इसके लिए प्रदेशभर में भाजपा अनुसूचित जाति जनप्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित कर रही हैं। इसके जरिए भाजपा अनुसूचित जाति के लोगों को सरकार की नीतियों व पार्टी की नीतियों को पहुंचाने का प्रयास कर रही है। आपको बता दें कि राज्य में लगभग 19 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लोग हैं, इन वोटरों का गढ़वाल और कुमाउं की कई सीटों पर काफी प्रभाव हैं। वहीं भाजपा ने अपने सभी सांसदों को विधानसभा चुनाव में हारी हुईं 23 सीटों की जिम्मेदारी देने के साथ ही हारी सीटों को 60 प्रतिशत से अधिक मतों से जीतने का लक्ष्य दिया है। वहीं भाजपा के तमाम सांसद अपने अपने क्षेत्रों में अभी से जनता के साथ संवाद कर रहे हैं….केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार करने में लगे हुए है…इनसबके बीच मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि वह संगठन को मजबूत करने के साथ ही जिला सम्मेलन और तमाम अन्य कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं। वहीं कांग्रेस का कहना है कि भले ही हाल ही के विधानसभा चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन इस हार से सबक लेकर कांग्रेस अब और मजबूती के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी….वहीं कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों को उम्मीद है कि जनता इसबार भाजपा को जरूर सबक सिखाएगी…बेरोजगारी, महंगाई, कानून व्यवस्था जैसे तमाम मुद्दों से जनता परेशान है। सवाल ये है कि क्या 2024 अग्निपरीक्षा में इंडिया गठबंधन एनडीए को टक्कर दे पाएगा…
उत्तराखंड में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों की तैयारी तेज हो गई है। हाल ही में देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों से उत्तसाहित भाजपा ने उत्तराखंड में जीत की हैट्रिक के लिए अभी से बिसात बिछानी शुरू कर दी है। खुद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन चुनावी तैयारियों में प्रतिभाग कर रहे हैं साथ ही कार्यक्रमों की समीक्षा भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सचिवालय में विकसित भारत संकल्प यात्रा की समीक्षा बैठक ली….इस दौरान उन्होने केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैँ। वहीं भाजपा ने अनुसूचित जाति के वोटों पर पकड़ बनाए रखने की भी रणनीति तैयार की है। इसके लिए प्रदेशभर में भाजपा अनुसूचित जाति जनप्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित कर रही हैं। इसके जरिए भाजपा अनुसूचित जाति के लोगों को सरकार की नीतियों व पार्टी की नीतियों को पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
आपको बता दें कि राज्य में लगभग 19 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लोग हैं, इन वोटरों का गढ़वाल और कुमाउं की कई सीटों पर काफी प्रभाव हैं। यही कारण है कि राजनीतिक दल इस समुदाय के वोट बैंक को अपने पाले में करने की हरसंभव कोशिश में लगे रहते हैं। फिलहाल आयोजन, महोत्सव, सम्मेलनों व कार्यशालाओं के नाम पर भाजपा ऐसा करने में अपने प्रतिद्वंद्वी दलों से कहीं आगे नजर आ रही है। वहीं भाजपा ने अपने सभी सांसदों और विधायकों को विकसित भारत संकल्प यात्रा में उपस्थित रहने के निर्देश दिए है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बताया कि समाज के हर वर्ग को साथ जोड़ने की दिशा में पार्टी कार्य कर रही है। इसी कड़ी में युवा सम्मेलन, जनप्रतिनिधि सम्मेलन जैसे तमाम कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे..वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि वह संगठन को मजबूत करने के साथ ही जिला सम्मेलन और तमाम अन्य कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।
कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव के लिए अब पांच माह से भी कम का समय रह गया है। ऐसे में तमाम राजनीतिक दलों की तैयारी तेज हो गई है। हांलाकि भाजपा अपने विरोधी दलों से चुनावी तैयारियों के लिहाज से काफी आगे निकल गई है। वहीं भाजपा हर वर्ग को साधने की कोशिश में अभी से लग गई है। और एक बार फिर जीत की हैट्रिक का दावा कर रही है। जबकि कांग्रेस समेत तमाम दल एकजुटता के साथ चुनाव लड़ने और तमाम मुद्दो के सहारे भाजपा को सबक सिखाने की बात कह रहे हैं.. देखना होगा इस तैयारी का क्या कुछ परिणाम निकलता है