Uttarkashi Tunnel Accident: मजदूरों का टूट रहा सब्र का बांध, परिजनों से बात कर रोने लगा

KNEWS DESK-  उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधी टनल धंसने से 41 मजदूर फंस गए। जिन्हें बाहर निकालने के लिए सरकार बीते 15 दिनों से लगातार राहत बचाव कार्य में लगी हुई है। टनल में फंसे वीरेंद्र ने अपनी भाभी सुनीता से कहा कि मैं अब हताश होने लगा हूं। मैंने आज सुबह नाश्ता भी नहीं किया है। बाकी मजदूर भी बेहद चिंतित और निराश थे। सब मजदूरों का एक ही सवाल है कि हम कब बाहर निकलेंगे।

वीरेंद्र अपनी भाभी से बात करते हुए रोने लगा। वहीं मजदूरों के परिवार वालों ने बताया कि परिजनों से बात करने के लिए भी घंटों इस सब में निकल जाते हैं कि परमिशन कब मिलेगी, तब कहीं जाकर बात हो पाती है।

परिजनों का टूटा सब्र का बांध 
बताया जा रहा है कि शनिवार के दिन टनल के ऊपरी हिस्से में पानी का रिसाव बढ़ने लगा जिससे अधिकारियों की चिंता भी बढ़ने लगी। 15 दिन से सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर न निकलने पर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा जिसके बाद उनको शांत कराया गया। टनल विशेषज्ञ करनाल परीक्षित मेहरा ने बताया कि ऑगर मशीन के टूटे हुए भाग को बाहर निकलने का काम किया जा रहा है।

सभी मजदूर सुरक्षित हैं- सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि सभी मजदूर ठीक हैं। मजदूरों से बातचीत की जा रही है। बताया गया कि मजदूरों को भोजन पानी मिल रहा है। हैदराबाद से प्लाज्मा कटर लाया गया है।

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