मदरसों पर बवाल, गैर हिंदू बच्चों पर सवाल !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में मदरसा शिक्षा परिषद की एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है.रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश के 30 मदरसों में 749 गैर मुस्लिम बच्चे भी पढ़ रहे हैं। उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भी इस संबंध में रिपोर्ट भेजी है.रिपोर्ट में कहा गया कि मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के अनुसार बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। आयोग ने गैर मुस्लिम बच्चों को प्रवेश देने वाले सभी सरकारी वित्त पोषित एवं मान्यता प्राप्त मदरसों में जाने वाले बच्चों का भौतिक सत्यापन कर एक रिपोर्ट मांगी गई थी। सभी मदरसों की मैपिंग कर सात दिन के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। जिसके बाद जिलों से मिली सूचना के मुताबिक, राज्य के 30 मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चे पढ़ रहे हैं। परिषद ने मान्यता प्राप्त सभी मदरसों की मैपिंग की है। रिपोर्ट के मुताबिक, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और नैनीताल के कई मदरसों में 7 हजार 399 में से 749 बच्चे गैर मुस्लिम हैं…..वहीं इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद विपक्ष ने सत्तापक्ष की घेराबंदी शुरू कर दी कांग्रेस ने इस रिपोर्ट के बहाने राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सरकार पर हमला बोला है। वहीं सत्तापक्ष ने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए जांच की बात कही है….

 

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले आई मदरसा शिक्षा परिषद की एक रिपोर्ट के बाद बड़ा सियासी बवाल मच गया है। दअरसल मदरसा शिक्षा परिषद की रिपोर्ट मे बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि प्रदेश के 30 मदरसों में बड़ी संख्या में गैर मुस्लिम बच्चे पढ़ रहे हैं. जिनकी संख्या 749 है. आपको बता दें कि हाल ही में मदरसा शिक्षा परिषद ने मान्यता प्राप्त सभी मदरसों की मैपिंग कराई है. रिपोर्ट के मुताबिक ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और नैनीताल जिलों के कई मदरसों में कुल 7,399 बच्चे पढ़ रहे हैं. इनमें 749 बच्चे गैर मुस्लिम हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इन मदरसों की संख्या 30 है. जहां 749 गैर मुस्लिम बच्चे मदरसों में शिक्षा ले रहे हैं.वहीं उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को इस संबंध में रिपोर्ट भेजी है. इस रिपोर्ट में मदरसा बोर्ड की तरफ से कहा गया कि इन मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के अनुसार बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. जिसमें मुस्लिमों के अलावा दुसरे बच्चे भी पढ़ रहे हैं.

 

वहीं इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद राज्य में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस रिपोर्ट के आने के बाद सत्तापक्ष की घेराबंदी शुरू कर दी है। कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने इस रिपोर्ट को काफी गंभीर बताया है.. साथ ही उन्होने कहा कि ये रिपोर्ट सरकारी व्यवस्था और शिक्षा प्रणाली को आईना दिखाने वाली रिपोर्ट है….वही आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता जोत सिंह बिष्ट ने भी राज्य सरकार पर शिक्षा के प्रति लापरवाही के कारण आज गैर मुस्लिम बच्चों को मदरसों पर पढ़ना पड़ रहा है। जोत सिंह बिष्ट का कहना है कि सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों को बंद किया है जिसके बाद मजबूरी में अभिभावकों को मदरसों में बच्चों को शिक्षा के लिए भेजना पड़ रहा है वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने विपक्ष के इन सभी आरोपों का खंडन करते हुए जांच की बात कही है…उन्होने मदरसों पर सरकार की फंडिंग पाने के लिए बच्चों की संख्या को बढ़ाने का आरोप लगाया है

 

कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव से पहले आई मदरसा शिक्षा परिषद की एक रिपोर्ट के बाद बड़ा सियासी बवाल मच गया है…..सवाल ये है कि क्या राज्य की बदहाल शिक्षा व्यवस्था की बदौलत गैर मुस्लिम बच्चों को भी मदरसों में शिक्षा लेनी पड़ रही है, या फिर राज्य के नागरिको में धर्म जाति का कोई भेदभाव ही नहीं है…

 

About Post Author