KNEWS DESK- रावण ने अपने 10 में से 1 सिर को वीणा की तुम्बी के रूप में, अपने एक हाथ को धरनी के रूप में और तंत्रिकाओं को स्ट्रिंग के रूप में उपयोग कर एक वीणा तैयार की, जिसे ‘रूद्र-वीणा’ कहा जाता है| ये देख शिव प्रसन्न हो गए और उन्होंने उसे ‘रावण’ नाम दिया|
रामायण में भगवान राम के हाथों से रावण का अंत हुआ था| रावण रामायण का एक मुख्य पात्र है| रावण नाम सभी जानते हैं लेकिन क्या आपको पता है, रावण का अर्थ क्या होता है? इसका अर्थ है, जोर से दहाड़ने वाला| रावण को दशानन के नाम से भी जाना जाता है| रावण के दस सिर थे, चलिए आपको बताते हैं रावण के 10 सिरों की कहानी…
कहा जाता है, रावण में शास्त्रों का ज्ञान था| वह अत्यंत बलशाली, राजनीतिज्ञ और महापराक्रमी था| कुछ विद्वानों का मानना है कि रावण के दस सिर नहीं थे वह केवल भ्रम पैदा करने के लिए ऐसा करता था| जैन शास्त्रों में इसे लेकर उल्लेख किया गया है| जिसमें बताया गया है कि रावण के गले में बड़ी-बड़ी गोलाकार नौ मणियां होती थीं, जिसमें रावण का सिर दिखाई देता था| इसलिए ही कहा जाता है, रावण के दस सिर थे|