KNEWS DESK- 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और इससे पहले भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से नई वोटिंग मशीन का प्रस्ताव किया गया है। आसान भाषा में समझें तो अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो आप यूपी- बिहार के लिए सांसद चुन सकते हैं। इतना ही नहीं मशीन का टेस्ट भी किया जा चुका है। इसका ज्यादा फायदा ये है कि वोट प्रतिशत बढ़ेगा। बस इंतजार इतना है कि कानून में छोटा सा परिवर्तन किया जाएगा और उसके बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।
कैसी होगी नई वोटिंग मशीन?
भारत निर्वाचन आयोग ने रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन तैयार की है। यह मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की तरह ही है। बस इसमें कुछ जरूरी परिवर्तन किए गए हैं। यह मशीन ऐसे मतदाताओं को वोट डालने में मददगार होगी, जो चुनाव के मौकों पर वोट डालने को अपने गांव, कस्बे या शहर नहीं जा पाते।
कैसे होगा इसका इस्तेमाल?
अगर आप इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपको ऑनलाइन या ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा मतलब, ऐसा नहीं होगा कि उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की मतदाता सूची में नाम है और आप मुंबई में रहते हैं तो भी वोट है डाल पाएंगे। उसके लिए तय अवधि में आपको रजिस्ट्रेशन करना ही होगा। अभी तय नहीं है कि प्रक्रिया देश में कब लागू होगी, पर आयोग तैयार है। वह ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी चुनावों में चाहता है।
ये बदलाव होने के बाद लागू हो सकती है मशीन
इसके लिए आयोग को जनप्रतिनिधित्व एक्ट 1950 और 1951, द कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स 1961 तथा द रजिस्ट्रेशन इलेक्टर्स रूल्स, 1960 में बदलाव करने होंगे। इस बदलाव में प्रवासी मतदाता को अलग से डिफाइन किया जाएगा। इसमें वही लोग मान्य होंगे जो अपने मूल क्षेत्र के प्रतिनिधि को चुनने के लिए ही देश के किसी अन्य हिस्से में रहते हुए वोट देना चाहते हैं। अभी ऐसी व्यवस्था नहीं है।
जब यह व्यवस्था लागू की जाएगी तो ऐसे मतदाताओं के लिए अलग से मतदान केंद्र बनेंगे। इन्हें रिमोट पोलिंग स्टेशन कहा जाएगा। इन मतदान केंद्रों पर एक साथ अधिकतम 72 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए वोट डालने की सुविधा होगी। जब ऐसे मतदाता इन केंद्रों पर पीठासीन अधिकारी के सामने पहुंचेंगे तो उन्हें अपना वॉटर कार्ड स्कैन करना होगा। ऐसा करते ही मशीन में उसके निर्वाचन क्षेत्र के कैंडीडेट्स की सूची और चुनाव चिन्ह मशीन पर डिस्प्ले होगी। इसी के साथ मतदाता अपने अधिकार का उपयोग कर सकेंगे।
किसको होगा फायदा?
अगर आप दिल्ली, मुंबई जैसे अनेक बड़े शहरों में बड़ी संख्या में प्रवासी लंबे समय से रह रहे हैं लेकिन उनका वोटर कार्ड उनके गांव, कस्बे का ही है। चुनाव के समय इनमें से कुछ लोग चले जाते हैं लेकिन काम की व्यस्तता में बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जो जा ही नहीं पाते। इस मशीन को दिल्ली की झुग्गियों में पिछले महीने टेस्ट किया गया। इसमें एक हजार से अधिक प्रवासी मतदाताओं ने हिस्सा लिया। यह टेस्ट कामयाब पाया गया। मशीन ने बिना किसी तकनीकी गड़बड़ी के उचित तरीके से काम किया। रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का उपयोग दुनिया के कई देशों में हो रहा है। फ्रांस, पनामा, आर्मेनिया, एस्टोनिया समेत कुछ और देश भी इसका उपयोग कर रहे हैं।
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