बिजनेस : आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव , एमपीसी में 6 सदस्यों में से 5 सदस्यों ने दी मंजूरी

KNEWSDESK- रेपो रेट को लेकर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का ने  एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने फाइनेंशियल ईयर 2024 में महंगाई की दर 5.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर ही रखा है।   एमपीसी में 6 सदस्य होते हैं, इनमें से 5 सदस्यों ने हामी भरी है और आरबीआई ने बैंको को सलाह दी है कि अपने अतिरिक्त फंड का इस्तेमाल कर्ज देने में करें, वहीं  शहरी सहकारी बैंकों के लिए गोल्ड लोन की सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख तक कर दी गई है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत की ग्रोथ काफी अच्छी रही है। हम चाहते हैं कि भारत में महंगाई की दर 4 फीसदी तक रहे । इसके लिए पूरी कोशिश की जा रही है। एमपीसी में 6 में से 5 सदस्यों ने इस प्लान को माना है, और आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सरकारी खर्चे से निवेश की रफ्तार में तेजी आई है। FY24 की दूसरी तिमाही में वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। तीसरी तिमाही के लिए भी विकास दर का अनुमान 6 प्रतिशत पर ही रखा गया है और आगे कहा कि पॉलिसी दरों के लंबे समय तक ऊंची दरों पर बने रहने का अनुमान है, और  टमाटर की कीमतों में कमी आने से महंगाई के कम होने की संभावना बढ़ी है।

फंड का इस्तेमाल कर्ज देने में करें

गवर्नर शक्तिकांत ने कहा है कि वे अपने अतिरिक्त फंड का इस्तेमाल कर्ज देने में करें । शहरी सहकारी बैंकों के लिए गोल्ड लोन की सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये कर दिया है। और आगे कहा कि आरबीआई वैश्वक स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करता रहेगा।

रेपो रेट का क्या है मायने

आपको बता दें कि रेपो रेट से आरबीआई महंगाई को कंट्रोल करता है, अगर आरबीआई रेपो रेट को ज्यादा बढ़ाता है, तो इसका असर बैंकों के ब्याज भी बढ़ जाता है। इसका मतलब कि लोगों को ज्यादा ब्याज पर लोन मिलेगा , अगर रेपो रेट को आरबीआई कम करती है तो आरबीआई चाहती है , कि बैंक कम ब्याज पर ज्यादा से ज्यादा लोन दें। इसका असर महंगाई कम होने और ज्यादा होने पर पड़ता है।

 

 

 

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