KNEWS DESK… राजस्थान में राजेंद्र गुढ़ा ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर शिवसेना (एकनाथ सिंदे गुट) का दामन थाम लिया है. राजेंद्र गुढ़ा राजस्थान विधानसभा में लाल डायरी दिखाकर चर्चाओं में आ गए थे. जिसके बाद गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था. वहीं एकनाथ सिंदे ने कहा कि कहा कि महाराष्ट्र और राजस्थान की धरोहर का मिलन हुआ है. सीएम सिंदे ने उन्हें सदस्यता दिलाई.
दरअसल आपको बता दें कि राजस्थान सरकार की कैबिनेट से बर्खास्त होने के बाद गुढ़ा राजस्थान विधानसभा में 24 जुलाई को एक लाल डायरी लेकर पहुंचे थे. जिसमें गुढ़ा ने दावा किया था कि इस डायरी में सीएम गहलोत के खिलाफ आरोपों की पूरी लिस्ट है. हालंकि उस दौरान गुढ़ा को सदन से बाहर कर दिया गया था. इसी बीच गुढ़ा ने कहा था कि कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों ने उनसे वो डायरी छीन ली है इसके अलावा यह भी बताया था कि डायरी का दूसरा हिस्सा उनके पास अभी है.
सीएम गहलोत पर साधा निशाना…मंत्री पद से किए गए बर्खास्त
जानकारी के लिए बता दें कि राजेंद्र गुढ़ा को उनके एक बयान के बाद मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था. उसी दौरान गुढ़ा ने कहा था कि ये सच्चाई है कि हम महिलाओं का सुरक्षा में असल हो गए. राजस्थान में जिस तरह से महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं. हमें मणिपुर की जगह पर अपने राज्य की स्थिति देखनी चाहिए. साथ ही गुढ़ा ने सीएम गहलोत पर जमकर हमलावार हुए थे. गुढ़ा ने झुंझनू में कहा था कि सीएम पैरों में पट्टी बांधकर बैठे हुए हैं. गृहविभाग अगर काबिल व्यक्ति के पास होता को काम होता. बहन-बेटियों के अत्याचार में राजस्थान देश में नम्बर वन है और गुढ़ा नहीं बल्कि आंकड़े बोल रहे हैं. इससे पहले गुढ़ा ने कहा था कि पुलिस मंथली ले रही है औऱ दारू सरेआम बिक रही है. जोकि सारी शराब अवैध है. पुलिस शराब के रूट पर एस्काॅर्ट करती है. चालान काटने पैसे ,FIR करने के पैसे…हर जगह पैसे ले रहे हैं…कीड़े पड़ेंगे.
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जानिए कौन हैं राजेंद्र गुढ़ा?
राजस्थान के झुंझनू जिले के उदयपुरी से विधायक गुढ़ा गांव के रहने वाले हैं. राजेंद्र ने अपने नाम के साथ अपने गांव का भी नाम जोड़ लिया है. जिसके चलते इनका नाम राजेंद्र गुढ़ा हो गया है. गुढ़ा 2018 के चुानव में बसपा के टिकट पर दूसरी बार विधायक बने थे. गुढ़ा का नाम उन नेताओं में शामिल थे. जो 2020 में सचिन पायलट जब अपने समर्थक विधायकों के साथ हरियाणा के मानेसर चले गए थे, तब गुढ़ा सीएम गहलोत के साथ डटकर खड़े थे.
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