KNEWS DESK… फर्जी दस्तावेजों के आधार पर राशन कार्ड बनवाने के मामले में जालंधर और पटियाला जिला से संबंधित 2 राशन कार्ड धारकों के खिलाफ बीते दिवस बड़ी कार्रवाई का गंभीर मामला सामने आया है, जिसे लेकर लुधियाना जिले में भी हड़कंप मच गया है।
दरअसल आपको बता दें कि लुधियाना के डिपो होल्डर राजकुमार ने इस गंभीर मुद्दे के संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा जालंधर में गलत जानकारी के आधार पर राशन कार्ड बनवाने वाले कथित आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जहां आरोपी का राशन कार्ड रद्द कर उसके द्वारा प्राप्त किए गए सरकारी राशन की जुर्माना राशि वसूली गई है वही पटियाला के गांव वलीपुर में शिकायत के आधार पर माननीय अदालत ने कथित आरोपी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे 2 वर्ष की सजा सुनाई है। बताया जा रहा है कि पटियाला जिला के नाभा रोड के नजदीक कुर्ते गांव बलीपुर निवासी मलकीत खान द्वारा 4 जनवरी 2017 को एसएसपी पटियाला को दी गई शिकायत में गांव धर्मकोट के अवतार सिंह पुत्र अमर सिंह द्वारा गरीब और जरूरतमंद परिवारों के हिस्से का अनाज हड़पने की साजिश के तहत झूठी जानकारी के आधार पर (नीला कार्ड) राशन कार्ड बनवाया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि जबकि कार्ड धारक के पास अच्छी खासी जमीन जायदाद और अन्य सुख सुविधा मौजूद है और वह सरकार द्वारा नीला कार्ड बनवाने के लिए निर्धारित किए गए नियमों एवं शर्तों की श्रेणी में नहीं आता है शिकायतकर्ता द्वारा राशन कार्ड धारक के खिलाफ सरकार के साथ धोखाधड़ी करने जैसे संगीन आरोप लगाए गए हैं। जांच दौरान पुलिस अधिकारियों द्वारा कार्ड धारक के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया और माननीय अदालत ने अवतार सिंह पुत्र अमर सिंह को आरोप ठहराते हुए 2 वर्ष की कैद एवं 2000 रू. जुर्माना करने की सजा सुनाई है। इस मामले में शिकायतकर्ता मलकीत खान द्वारा राशन कार्ड बनाने वाले अधिकारियों,कर्मचारियों सहित आरोपी परिवार की सिफारिश करने वाले सियासी नेताओं व गांव के सरपंच के खिलाफ भी भी सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है। शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि गलत तरीके से राशन कार्ड बनाकर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाने के मामले में कार्ड धारक के साथ ही खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के संबंध अधिकारी, नेता व सरपंच भी बराबर के जिम्मेदार है इसलिए उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होना जरूरी है। शहर के प्रमुख डिपो होल्डर ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकारी अनाज का लाभ प्राप्त करने वाले कई संपन्न परिवारों की आलीशान कोठियों की फोटो भेजते हुए दावा किया है कि उक्त परिवार फर्जी दस्तावेजों के आधार पर राशन कार्ड बनवाकर न केवल गरीब परिवारों के हिस्से का अनाज डकार रहे हैं बल्कि सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे परिवारों के खिलाफ भी पंजाब सरकार एवं पुलिस प्रशासन को सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए ता कि गरीब लोगों के उनके अधिकार बिना किसी परेशानी के मिल सके उन्होंने दावा किया है कि किराए के मकान और रिक्शा चलाने वाले अधिकतर गरीब परिवारों के राशन कार्ड नहीं बने हैं जबकि लग्जरी गाड़ियों में आलीशान कोठियां में ऐशो आराम का जीवन जीने वाले अधिकतर परिवार गाड़ियों में सरकारी गेहूं का लाभ लेने के लिए राशन डिपुओ पर पहुंच रहे हैं।