KNEWS DESK- सितंबर में संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने के मुद्दे पर कांग्रेस संसदीय दल की मुखिया सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। सोनिया गांधी ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बिना विपक्ष से पूछे ही यह विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। सरकार की तरफ से यह अभी स्पष्ट तौर पर नहीं बताया गया है कि आखिर किस वजह से संसद सत्र को बुलाने की जरूरत पड़ी और ऐसे कौन से बिल हैं, जिन्हें इस सत्र के दौरान पास कराया जाएगा।
बिना परामर्श के बुलाया गया सत्र
अपने पत्र में सोनिया गांधी ने लिखा, “आपने एक विशेष पांच दिवसीय सत्र बुलाया है, जो 18 सितंबर 2023 से शुरू होने वाला है। मैं आपको ध्यान दिलाना चाहती हूं कि यह विशेष सत्र अन्य राजनीतिक दलों के साथ किसी भी परामर्श के बिना बुलाया गया है। हम में से किसी के पास भी इसे लेकर एजेंड उपलब्ध नहीं है.’ विपक्ष को केवल यह जानकारी मिली थी कि ‘सरकारी कामकाज’ के लिए संसद के पांच दिन आवंटित किए गए हैं। सोनिया गांधी ने अपने पत्र में विपक्ष के नौ सूत्री एजेंडे को भी पीएम मोदी के समक्ष रखा। पत्र में कहा गया कि वो इस पांच दिवसीय सत्र के दौरान महंगाई, मणिपुर हिंसा, हरियाणा में हिंसा जैसे मुद्दों पर चर्चा चाहती हैं।
उठाए ये सवाल
आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों, बढ़ती बेरोजगारी, असमानताओं में वृद्धि और एमएसएमई के संकट पर ध्यान केंद्रित करने वाली वर्तमान आर्थिक स्थिति।
MSP को लेकर सरकार द्वारा किसान और किसान संगठनों को किए गए वादे।
अडानी समूह पर खुलासे की जांच को लिए जेपीसी जांच।
मणिपुर के लोगों की पीड़ा और राज्य में संवैधानिक तंत्र और सामाजिक सद्भाव का टूटना।
हरियाणा जैसे राज्यों में सांप्रदायिक तनाव।
चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर कब्जा जारी रखा गया और लद्दाख-अरुणाचल प्रदेश में हमारी सीमाओं पर हमारी संप्रभुता को चुनौती दी गई।
जातीय जनगणना की अर्जेंट जरूरत।
केंद्र राज्य संबंधों को पहुंचाया जा रहा नुकसान।
कुछ राज्यों में अत्यधिक बाढ़ और कुछ में सूखे के कारण होने वाली प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव।