KNEWS DESK… राजस्थान के कोटा शहर में इस साल अब तक आत्महत्या के 23 मामले सामने आ चुके हैं. आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब सरकार ने सख्त रुख़ अपनाया है. प्रदेश सरकार ने कोचिंग संस्थानों के द्वारा लिए जाने वाले टेस्ट बंद करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही विद्यार्थियों पर पढ़ाई का अधिक बोझ नहीं डालने के लिए कहा गया है. राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार अब कोचिंग संस्थानों एवं हॉस्टल संचालकों को प्रत्येक 15 दिन में छात्र-छात्राओं का मनोचिकित्सक से परीक्षण करवाना होगा.
दरअसल आपको बता दें कि प्रदेश की गहलोत सरकार ने कोटा के कोचिंग सेंटरों पर अगले 2 महीने तक के लिए कोई भी टेस्ट एवं परीक्षाएं आयोजित करने पर रोक लगा दी है. छात्रों को मेंटल सपोर्ट एवं सुरक्षा देने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. कोटा में रविवार फिर से 2 छात्रों के आत्महत्या करने के बाद सरकार द्वारा ये फैसला लिया गया है. इस वर्ष कोटा में अब तक 23 विद्यार्थियों के आत्महत्या करने के मामले सामने आए हैं. कोटा में रविवार को लातूर (महाराष्ट्र) निवासी 16 वर्षीय छात्र आविष्कार संभाजी कासले ने एक ने अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. यह अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी कर रहा था. वहीं दूसरी घटना में बिहार के 18 वर्षीय छात्र आदर्श ने भी रविवार की शाम को शाम को अपने कमरे में फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली है. वह यहां रहकर नीट की तैयारी कर रहा था.
आत्महत्या की वजह है इंस्टीट्यूट की परीक्षाएं-पुलिस
जानकारी के लिए बता दें कि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच में पता चला है कि इन छात्रों को कोचिंग इंस्टीट्यूट के टेस्ट में लगातार कम नंबर मिल रहे थे. जिसकी वजह से इन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है. हालांकि इस मामले में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. इस घटना की जांच की जा रही है.
सरकार ने छात्रों को दी मेंटल सपोर्ट एवं सिक्योरिटी
गौरबतल है कि 12 अगस्त को कोटा कलेक्टर ओपी बुनकर ने गाइडलाइन जारी कर कोचिंग संचालकों एवं सेंटरों को निर्देश दिए थे कि रविवार को लिए जाने वाले टेस्ट बंद कर दिया जाए. इसके बावजूद कोचिंग संचालकों द्वारा रविवार को कराए गए टेस्ट के बाद आत्महत्या की 2 घटनाएं हुईं. आधिकारिक का कहना है कि जो छात्र यहां पढ़ रहे हैं, उनको मेंटल सपोर्ट एवं सेक्योरिटी देने के लिए कोटा के सभी कोचिंग संस्थानों में अगले 2 महीनों तक के लिए कोई भी टेस्ट या एग्जाम लेने पर तत्काल के प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके तहत किसी भी कोचिंग या संस्थान को अगले 2 महीने तक छात्रों से किसी भी तरह की परीक्षा नहीं ली जाएगी.