KNEWS DESK- नूंह में हुई हिंसा के बाद घर लौट रहे बजरंग दल के संयोजक पर जानलेवा हमला हुआ जिसके बाद प्रदीप कुमार को अस्पताल में भर्ती कराया गया और उनकी मौत हो गई। पुलिस ने हत्या के इस मामले में हरियाणा AAP माइनोरिटी सेल अध्यक्ष जावेद अहमद को मुख्य आरोपी बनाया है। इतना ही नहीं उनसे पूछताछ भी हो चुकी है। हालांकि, AAP नेता ने खुद पर लगे आरोपों को झूठा बताया है।
ऐसे हुई प्रदीप की हत्या
सोहना के निरंकारी चौक पर 31 जुलाई को बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रदीप कुमार की हत्या हुई थी। इस मामले में 2 अगस्त को केस दर्ज हुआ था। घटना के वक्त प्रदीप के साथ उनका दोस्त पवन कुमार भी था। एफआईआर के मुताबिक नूंह के नलहड मंदिर से रेस्क्यू कराने के बाद उन्हें नूंह पुलिस लाइन लाया गया। वहां से रात 10:30 बजे वो अपनी तीन गाड़ियों में घर के लिए निकले। उन्हें एक पुलिस वैन एस्कॉर्ट कर रही थी। सोहना के पास पुलिस वैन के पुलिसकर्मी यह कहते हुए चले गए की आगे रूट क्लीयर है।
सोहना के एसीपी अपराध नवीन संधू के अनुसार प्रदीप शर्मा 31 जुलाई को ब्रजमंडल यात्रा में शामिल होने नूंह गया था। वहां पर हिंसा हुई। हिंसा के बाद वह सुरक्षित जगह पर छुपा रहा। देर रात साढ़े 10 बजे नूंह से वापस अपने घर भोंडसी लौट रहा था तो सोहना के रायपुर के पास दंगाइयों ने उसकी गाड़ी पर लाठी डंडों और पत्थरों से हमला बोल दिया।
सीसीटीवी में साफ दिख रहा है कि एक एम्बुलेंस मस्जिद के सामने आकर रुकती है। तब उसकी डिग्गी बंद थी और फिर अंधेरे में एम्बुलेंस की डिग्गी को खोलकर कुछ फेंका गया था। इसके बाद एम्बुलेंस मौके से वापस जाती देखी जा रही है। इसमें एम्बुलेंस की डिग्गी खुली हुई दिखाई दे रही है। पुलिस सूत्रों की माने तो प्रदीप को इसी जगह से गुरुग्राम पुलिस ने गंभीर हालत में बरामद किया था। पुलिस को शक है कि इसी एम्बुलेंस में प्रदीप शर्मा को यहां फेंका गया था, जबकि उसकी कार रायपुर के पास मिली थी। गाड़ी पर लाठी डंडों और पत्थरों से हमला करने के निशान मिले हैं। बाद में प्रदीप को गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था, जहां पर उसकी मौत हो गई।
आम आदमी पार्टी ने साधा निशाना
आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार गुप्ता ने भाजपा को ‘भाजपा जलाओ पार्टी’ बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा आज हरियाणा को मणिपुर की तर्ज पर जला देना चाहती है। जब एजेंसी ने 1 हफ्ते पहले दंगे होने की जानकारी दे दी थी तो मुख्यमंत्री ने फाइल क्यों छुपा कर रखी? मुख्यमंत्री हरियाणा को जानबूझकर जलाना चाहते थे? आप नेता दावा है कि उन्होंने जावेद अहमद ने सुशील कुमार गुप्ता को बताया कि 31 जुलाई को शाम 6:30 बजे वह सोहना से 10 किलोमीटर दूर अपने गांव खानपुर के लिए रवाना हो गए थे।