knews desk :- आजकल सभी देश के बच्चों में मोबाइल देखने की आदत दिनपर दिन बढती जा रही है| जिसके लिए चीन के सायबरस्पेस रेगुलेटर ने 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए स्मार्टफोन पर एक दिन में अधिकतम दो घंटे बिताने की लिमिट तय कर दी है ,और आठ से 16 वर्ष तक के यूजर्स के लिए यह लिमिट एक घंटा और आठ वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए केवल आठ मिनट की होगी|
स्मार्टफोन कंपनियों से चाहता है CAC :-
सायबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइना (CAC) चाहती है कि स्मार्ट डिवाइसेज बनाने वाली कंपनियां माइनर मोड प्रोग्राम लाएं जिससे 18 वर्ष के कम आयु के यूजर्स रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक फोन पर इंटरनेट को एक्सेस न कर सकें। जिसके लिए कंपनियों को समयसीमा भी तय करनी होगी। चीन में 16 से 18 वर्ष के यूजर्स को एक दिन में दो घंटे मोबाइल पर बिताने की अनुमति होगी, आठ से 16 वर्ष तक के यूजर्स के लिए यह लिमिट एक घंटा और आठ वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए केवल आठ मिनट की होगी। इसके साथ ही सायबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइना ने कहा है कि सर्विस प्रोवाइडर्स को अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए इस समयसीमा को हटाने की अनुमति देनी चाहिए। इसे लेकर 2 सितंबर तक लोगों से फीडबैक मांगा गया है।
चीन की टेक कंपनियों के शेयर्स में भारी गिरावट :-
CAC के फैसले से चीन की टेक कंपनियों के शेयर्स में भारी गिरावट आई है। जिससे सोशल नेटवर्किंग ऐप WeChat को ऑपरेट करने वाली Tencent Holdings का शेयर 2.99 प्रतिशत गिरा है। इसके अलावा Bilibili और Kuaishou के शेयर्स में 6.98 प्रतिशत और 3.53 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस बारे में लॉ फर्म Shanghai Shenlun के लॉयर, Xia Hailong बोले कि रूल्स इंटरनेट कंपनियों के लिए सिरदर्द होगा| उन्होंने यह भी बताया कि नई रेगुलेटरी जरूरतों को लागू करने के लिए अतिरिक्त खर्च करना होगा। इन रूल्स का उल्लंघन होने का रिस्क भी अधिक है। मेरा मानना है कि बहुत सी इंटरनेट कंपनियां अव्यस्कों को उनके डिवाइसेज का इस्तेमाल करने से रोकने पर विचार कर सकती हैं।
चीन के युवाओं में मायोपिया और इंटरनेट की लत :-
बीते कुछ सालों में चीन के युवाओं में मायोपिया और इंटरनेट की लत लगने की समस्या बढ़ने से अथॉरिटीज काफी परेशान हैं। चीन की सरकार ने लगभग दो वर्ष पहले 18 वर्ष से कम आयु के वीडियो गेम प्लेयर्स पर रोक लगाई थी। इससे Tencent जैसी बड़े गेमिंग कंपनियों को भारी नुकसान हुआ था। Bilibili, Kuaishou और ByteDance जैसे वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म्स ने पिछले कुछ वर्षों से बच्चों के लिए अलग मोड की पेशकश की है जिससे कंटेंट और इस्तेमाल की अवधि पर यूजर्स के एक्सेस पर रोक लगाई जाती है।