उत्तराखंड- उत्तराखंड परिवहन निगम में डीजीएम के पद पर होते हुए पद का गलत उपयोग के आरोपों से घिरे भूपेंद्र कुमार की विजिलेंस जांच चल रही है। जिसमें विजिलेंस आरोपों की बारीकी से जांच पड़ताल कर रही है। डीजीएम भूपेन्द्र कुमार पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने अनुबन्धित बस ऑपरेटरों से रिश्वत ली है। साथ ही उस रिश्वत के पैसों को ठिकाने लगाने के लिए उन्हें अपने परिवार के सदस्यों के बैंक खाते में ट्रांसफर करवाये हैं। जांच कर रही विजिलेंस को शासन ने तीन माह के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने दिए थे जांच के आदेश
बीते दो माह पूर्व जून में मुख्यमंत्री को इसकी शिकायत मिली थी कि परिवहन निगम के अधिकारियों और अनुबंधित बस ऑपरेटरों का आपस में गठजोड़ है। साथ ही अधिकारियों द्वारा अनुबंधित बस ऑपरेटरों से रिश्वत भी ली जाती है। इसमें मुख्य रूप से परिवहन निगम के उपमहाप्रबंधक वित्त भूपेन्द्र कुमार का नाम सामने आया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इस पर जांच के आदेश दिए थे। आरोपों की जांच को विजिलेंस को सौंपा गया है। अब तक की जांच में पाया गया है कि डीजीएम भूपेन्द्र कुमार ने रिश्वत की रकम को अपने परिवार बेटा, बेटी और पत्नी के खातों पर ट्रांसफर करवाया है। इसके साथ ही उन पर यह भी आरोप लगे हैं कि निगम से सेवानिवृत कर्मचारियों के लंबित भुगतान को देने के लिए भी उनसे पैसे मांगे गए हैं।