KNEWS DESK.. भारत की खुफिया एजेंसियों के शीर्ष नेतृत्व में मुस्लिम अधिकारियों की कमी पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी हमलावर हैं। ओवैसी ने गैर मुसलमानों की ओर इशारा करते हुए पूछा देश के लिए जासूसी करते हुए कितने लोग पकड़े जाते हैं। क्या उनसे मुसलमानों की तरह पूछताछ की जाएगी।
आपको बता दें कि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और हैदराबाद सांसद ओवैसी ने सोमवार को ट्वीट कर लिखा है कि भारत के जासूसी और इंटेलिजेंस एजेंसियों में मुस्लिम अफ़सरों की कमी वाले मेरे ट्वीट पर लोगों ने बहुत सारे सवाल उठाए मुसलमानों से पूछा जाता है कि मज़हब और मुल्क के बीच में किसे चुना जाएगा ओवैसी ने आगे कहा पता नहीं कितने लोग देश की सुरक्षा का सौदा करते हुए पकड़े जाते हैं। ISI महिलाओं के फेक अकाउंट बना कर इन्हें फंसा लेती है। धर्म की बात तो दूर क्या कोई इन्हें पूछेगा कि ये अपने हवस और देश के बीच किसे चुनते हैं।
मुसलमानों के वफादारी का सबूत मांगते हैं-ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने 23 जुलाई को ट्वीट कर देश की खुफिया एजेंसियों में मुस्लिम अफसरों की कमी पर सवाल उठाया था। ओवैसी ने ट्वीट कर कहा था। दशकों में पहली बार इंटेलीजेंस ब्यूरो के शीर्ष नेतृत्व में कोई मुसलमान अफसर नहीं होगा। ये मुसलमानों में BJP के संदेह को दिखाता है IB और रॉ खास बहुसंख्यकवादी संस्थान बन गए हैं। आप लगातार मुसलमानों से वफादारी का सबूत मांगते हैं। लेकिन कभी भी उन्हें बराबर का नागरिक स्वीकार नहीं करते। साथ ही हैदराबाद सांसद ने एशियन एज की खबर का स्क्रीन शॉट शेयर किया था जिसमें कहा गया था कि देश की इंटेलीजेंस ब्यूरो में कोई भी सीनियर आईपीएस महत्पूर्ण पद पर नहीं है रिपोर्ट में कहा गया था कि प्रतिष्ठित खुफिया एजेंसी में आखिरी मुस्लिम आईपीएस अफसर एस ए रिजवी को पिछले हफ्ते ही बदलकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सलाहकार नियुक्त कर दिया गया है। इसमें ये भी कहा गया कि हाल के सालों में आईबी में मुस्लिम आईपीएस अफसरों की संख्या कम हुई है।