KNEWS DESK… राजस्थान सरकार के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने विधानसभा जब पहुंचे तो काफी हंगामा हुआ। पहले राजेंद्र सिंह को विधानसभा के अंदर जाने नही दिया गया। जब वह सदन में पहुंचकर स्पीकर के सामने लाल डायरी लहराने लगे तो इसके बाद स्पीकर सीपी जोशी क्रोधित हो गए और स्पीकर ने मार्शलों को आदेश देकर गुढ़ा को सदन से बाहर निकलवा दिया।
आपको बता दें कि राजेंद्र सिंह गुढ़ा जब सदन से बाहर आए तो वह मीडिया के सामने रोने लगे और सरकार के मंत्रियों पर उन्होंने मारने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सबने मिलकर उन्हे मारा है। मीडिया से बात करते हुए गुढ़ा ने कहा कि मैं उस डायरी के माध्यम से बताना चाह रहा हूं कि किस तरीके से कांग्रेस के नेताओं के ऊपर फिल्में बन रही हैं। मेरे पास वो डायरी थी। वो डायरी मेरे से छीन ली गई। मुझ पर 25-50 लोगों ने एक साथ हमला किया। मुझे लातो घूंसो से मारा है। और मुझे जमीन पर पटक दिया है।
गुंडागर्दी करके डायरी का आधा पार्ट छीना
राजेन्द्र गुढ़ा ने कहा मुझे मार्शलों ने नहीं बल्कि कांग्रेस के ही मंत्रियों ने घसीटकर बाहर निकाला. मार्शल तो तब तक आए नहीं थे। मैं इतना ही कहना चाह रहा था कि हमने अशोक गहलोत जी का चेहरा देखकर इनको समर्थन देने का फैसला किया था। हमने इनकी रिक्वेस्ट पर इन्हें समर्थन दिया था। गहलोत साहब आपने गुंडागर्दी करके वो डायरी का आधा पार्ट मेरे से छीन लिया और आधा पार्ट मेरे पास अभी और है। इस पार्ट के अंदर आपके सारे काले कारनामे हैं जो आपने विधायकों को क्या दिया। राज्यसभा चुनाव में आपने उन विधायकों को क्या दिया किस-किस को प्रलोभन दिया। क्रिकेट के चुनाव में आपने किस-किसको पैसे दिए। उसका खुलासा मैं आगे भी करूंगा।
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लाल डायरी के बारे में खुलासा
इससे पहले जैसे ही गुढ़ा ने आज सदन के अंदर लाल रंग की डायरी लहराई तो स्पीकर ने उन्हें अपने कक्ष में आने के लिए कहा कुछ देर बाद गुढ़ा संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के पास पहुंचे और उनसे भिड़ गए इस दौरान BJP विधायकों ने भी ‘लाल डायरी’ के मुद्दे पर हंगामा किया और सदन के वेल में पहुंच गये। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।सुबह सदन शुरू होने से पहले गुढ़ा ने संवाददाताओं से कहा कि वह विधानसभा में ‘लाल डायरी’ के बारे में खुलासा’ करेंगे। उन्होंने कहा कि डायरी में कुछ “रहस्य” हैं।
लाल डायरी ना निकालता तो मे होते जेल में
जानकारी के लिए बता दें कि झुंझुनू में एक जनसभा के दौरान भी गुढ़ा ने CM अशोक गहलोत पर हमला करते हुए सनसनीखेज दावा किया था। उन्होंने कहा था। ‘धर्मेंद्र राठौड़ के घर पर ईडी और इनकम टैक्स ने छापा मारा था। मैंने CM गहलोत के आदेश पर जहां रेड चल रही थी। वहां से लाल डायरी निकाल ली थी। अगर मैं लाल डायरी नहीं निकालता तो CM गहलोत जेल में होते।
बहनों और बेटियों में सुरक्षा का भाव होना चाहिए
रविवार को ही गुढ़ा ने कहा था मैं मंत्रिमंडल की बैठक में भी बोलता रहा हूं। विधानसभा में भी बोलता रहा हूं। आज इन्होंने कानून बना दिया है। कोई आक्रोश में दाह- संस्कार नहीं करता है तो आप उसे पांच साल जेल में डाल देंगे। कोई इनके पास बैठ नहीं पाएगा। कोई प्रोटेस्ट नहीं कर पाएगा। आप कैसे कानून बना रहे हैं? महिलाएं हमारे प्रदेश में सुरक्षित नहीं हैं, ये आंकड़े बोल रहे हैं कि राजस्थान महिला उत्पीड़न के मामले में देश में नंबर वन है। ये राजेंद्र गुढ़ा नहीं कह रहा है। चीख-चीख रिपोर्टें रही हैं कि राजस्थान में महिलाओं की क्या स्थिति है। राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त करने से कुछ नहीं होगा, हमारी बहनों और बेटियों में सुरक्षा का भाव होना चाहिए।
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मणिपुर के बजाय अपने गिरेबांन में झांकना चाहिए
गुढ़ा ने शुक्रवार को विधानसभा के पटल पर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा और कहा- हमें मणिपुर के बजाय अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। हम महिलाओं की सुरक्षा के मामले में असफल हो गए हैं। गुढ़ा के इस बयान पर सदन में ही BJP ने मेज थपथपाकर समर्थन किया। इस बयान के बाद राज्य की सियासत भी गरमा गई। इस बीच CM गहलोत ने 6 घंटे के अंदर ही गुढ़ा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है। CM की सिफारिश को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है।
पहली बार 2008 BSP से चुनाव लड़कर जीते थे
राजेंद्र गुढ़ा झुंझुनूं जिले की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से विधायक हैं। वे 2008 में पहली बार BSP से चुनाव लड़कर जीते थे। उसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी के विधायकों के साथ गहलोत सरकार को समर्थन दे दिया था। CM गहलोत ने रिटर्न गिफ्ट दिया और राज्यमंत्री बनाया था साल 2018 में भी राजेंद्र फिर चुनाव जीते और गहलोत सरकार को समर्थन दिया। 1 साल बाद ही सितंबर 2019 में गुढ़ा समेत BSP के 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए। गुढ़ा को गहलोत सरकार में दूसरी बार मंत्री बनाया।
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