उत्तराखंड : कोटद्वार के मालन नदी पर बने पुल का बीच का भाग नदी के तेज बहाव के कारण टूटकर गिर गया। जिससे एक व्यक्ति गिरकर जलधार मे बह गया। हालांकि पुल बहने का मुख्य कारण नदी में हुआ अवैध खनन है। बीते दिन पुल का निरीक्षण करने पहुंची कोटद्वार से विधायक व विधानसभा अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी ने आपदा प्रबंधक सचिव को जमकर लताड़ लगाई, और कहा कि उनके द्वारा बीते एक वर्ष से नदी पर हो रहे अवैध खनन से कमजोर पुल का संज्ञान दिलाया जा रहा है। लेकिन इस पर कोई कार्यवाही ना होने के कारण आज यह दिन देखना पड़ रहा है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री धामी को भी इस बारे में अवगत करवाया और अनुरोध किया कि इसकी विजिलेंस जांच होनी चाहिए और विभाग के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। वही कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी विभाग को निर्देश जारी किए हैं कि राज्य के सभी पुलों का ऑडिट करके उनको दो दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपी जाए।
धस्माना बोले सरकार श्वेत पत्र जारी करे
वही मालन नदी पर बने पुल के गिरने के बाद कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो चुकी है। कांग्रेस समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बीते दिन पत्रकार वार्ता कर सरकार पर हमला बोला कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल मे राज्य मे हर वर्ष पुल टूट रहे हैं। अब तक के कार्यकाल में 39 पुल ख़राब निर्माण के कारण ढह चुके हैं। सरकार को इसके लिए श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। जिसमें पुलों के टूटने की वजह, दोषियों पर कार्रवाई को जनता के समक्ष रखना चाहिए।
सरकार में सामंजस्य की कमी, जनता भुगत रही दुष्परिणाम
मालिनी नदी पर बने पुल के ढहने के बाद से आप पार्टी ने भी विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए सरकार को आड़े हाथ लिया है। आप पार्टी के प्रदेश समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि पुल ढहने को लेकर जिस प्रकार पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज द्वारा जांच के दिए गए निर्देशों को नकारते हुए कोटद्वार से विधायक व विधान सभा अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी ने सीधे मुख्यमंत्री से इस की विजिलेंस जांच की बात कही है। वह सरकार में सामंजस्य की कमी को स्पष्ट दर्शाता है। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जिलों के प्रभारी मंत्रियों को अपने क्षेत्र में राहत और बचाव कार्यों के लिए निर्देश देने के बजाय अपील करनी पड़ रही है, इससे यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री की मंत्रियों पर पकड़ कमजोर है। जिसका खामियाजा राज्य की जनता को भुगतना पड़ रहा है।