KNEWS DESK… भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा की यात्रा पर निकल चुका है। चंद्रयान-3 की लांचिंग का साथ दुनिया में पहले से चल रही स्पेस रेस और भी अधिक तेज हो गई है। जिसमें भारत का मुकाबला सीधे तौर पर चीन से है। जिसने हाल ही में चंद्रमा को लेकर अपनी योजनाओं का खुलासा किया है। भारत का चंद्रयान-3 एक मानवरहित अंतरिक्ष मिशन है। तो वहीं पर दूसरी तरफ चीन ने 2030 तक चंद्रमा पर इंसानों को उतारने का दावा किया है। इस मिशन के साथ चीन अमेरिका के बाद चंद्रमा इंसानों को भेजने वाला दूसरा देश बन जाएगा।
दरअसल आपको बता दें कि चीन ने इस मिशन में लूनर ऑर्बिट रेंडेज़स प्रक्रिया के इस्तेमाल का प्रस्ताव दिया है। चीन अपने मानवयुक्त चंद्रमा मिशन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए नए प्रकार के वाहक राॅकेट , मानवयुक्त अंतरिक्ष यान, चंद्र लैंडर और चंद्र रोवर का निर्माण कर रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि चीन के इरादे चंद्रमा पर इंसान को भेजने तक ही सीमित नहीं हैं। बल्कि पश्चिमी देशों से अंतरिक्ष की दौड़ में आगे निकलना चाहता है। चीन अंतरर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ने के बजाय अंतरिक्ष में अपना स्टेशन संचालित कर रहा है। चीन की योजना चंद्रमा पर एक रिसर्च स्टेशन स्थापित करने की है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो चीन और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस अगले दशक के मध्य तक चंद्रमा पर एक संयुक्त चंद्र बेस बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन तीन अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजेगा, जिनमें से केवल दो ही चंद्रमा की सतह पर उतरेंगे।
चांग-5 को नवंबर 2020 में चीन ने किया था लॉन्च
गौरबतल हो कि 2007 में पहले ऑर्बिटर चांग’ई-1 के लॉन्च के बाद चंद्र अन्वेषण के लिए चीन की महत्वाकांक्षाएं धीरे-धीरे बढ़ने लगीं। चांग-5 को नवंबर 2020 में लॉन्च किया गया था, जो जांच के लिए चंद्र मिट्टी के नमूनों के साथ सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आया। यह चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए अब तक की सबसे बड़ी सफलता थी। चीन ने मानवयुक्त चंद्रमा मिशन की घोषणा ऐसे समय में की है जब भारत चंद्रयान-3 लॉन्च कर चुका है और नासा आर्टेमिस कार्यक्रम की तैयारी कर रहा है।