केन्द्रीय गढ़वाल विवि के द्वारा प्रदेश के दस महाविद्यालयों के असंबद्ध करने पर छात्रों की बढ़ी परेशानी

उत्तराखंड-  इस वर्ष शैक्षणिक सत्र के शुरू होने से पूर्व ही केन्द्रीय गढ़वाल विवि द्वारा प्रदेश के दस महाविद्यालयों को असंबद्ध करने से प्रदेश के वे छात्र-छात्रा जो स्नातक और परास्नातक में दाखिला लेना चाहते हैं उनकी मुसीबतों को बढ़ा दिया है। असंबद्ध किये गये कॉलेजों में सहायता प्राप्त और अशासकीय महाविद्यालय शामिल हैं। असंबद्ध होने के चलते अब हजारों छात्र छात्राओं में असमंजस की स्थिती बन गयी है। विवि के इस फैसले का महाविद्यालयों ने विरोध भी किया है और कहा है कि विवि के इस फैसले में छात्र छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखकर नहीं किया है जिससे अब उनमें असमंजस की स्थिती बन गयी है।

भाजपा नेता रविन्द्र जुगरान ने भी विवि के इस फैसले को बताया अनुचित

केन्द्रीय गढ़वाल विवि ने प्रदेश के दस महाविद्यालयों को असंबद्ध करने के इस फैसले के विरोध में न सिर्फ महाविद्यालय हैं बल्कि भाजपा के नेता रविन्द्र जुगरान ने भी विवि के इस फैसले को अनुचित ठहराया है। उन्होंने कहा कि बीते दो वर्ष पूर्व नवम्बर 2021 में हाईकोर्ट के एक फैसले के तहत इन दस महाविद्यालयों को असंबद्ध कराने पर रोक लगा दी थी बावजूद इसके विवि ने अपनी जिद के चलते हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटका दिया है। उन्होंने कहा कि अगर इसे बहाल नहीं किया जाता तो वे विवि द्वारा हाइकोर्ट की अवमानना को दायर करेंगे।

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