KNEWS DESK- उत्तराखंड में धामी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में अगले 6 महीने तक हड़ताल करने पर रोक लगा दी है| सरकार ने इसके पीछे चारधाम यात्रा और मानसून को वजह बताया है एक तरफ जहां चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालु आ रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर कांवड़ यात्रा में इस वर्ष साढ़े तीन से चार करोड़ कांवडियों के आने का अनुमान है| इन सब के बीच धामी सरकार की परेशानियां मानसून भी बढ़ाने वाला है। मानसून सीजन में एक और जहां पहाड़ों में लैंड स्लाईडिंग की घटनाएं बढ़ने का खतरा है तो वहीं दूसरी ओर जगह जगह खुदी सड़कें और आधे अधूरे निर्माण कार्यों को मानसून से पहले पूरा करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। वहीं राज्य में इस मुद्दे पर राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने ना मानसून के लिए, ना चारधाम यात्रा के लिए और ना ही कांवड़ यात्रा के लिए कोई तैयारी की है। सरकार सिर्फ हवा हवाई बातें कर रही है। वहीं सत्तापक्ष विपक्ष के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर रहा है। इन सबको देखते हुए सरकार ने राज्य में अगले 6 महीने तक कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगा दी है। सरकार के इस फैसले को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने जनहित में बताया है|
एक तरफ जहां सरकार कर्मचारियों की हड़ताल पर 6 महीने तक रोक लगाने के फैसले को जनहित में बता रही है तो दूसरी ओर सरकार के इस फैसले को विपक्ष ने कर्मचारियों की आवाज को दबाने का फैसला बताया है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, और यूकेडी समेत सभी विपक्षी दलों ने सरकार के इस फैसले को तानाशाही वाला फैसला बताया है। इसके साथ ही कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने ना मानसून के लिए, ना चारधाम यात्रा के लिए और ना ही कांवड़ यात्रा के लिए कोई तैयारी की है। सरकार सिर्फ हवा हवाई बातें कर रही है।
एक तरफ जहां चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालु आ रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर चार से 15 जुलाई तक होने वाली कांवड़ यात्रा के लिए भी पुलिस प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि इस बार साढ़े तीन से चार करोड़ कांवड़ियों के आने का अनुमान है। ऐसे में कानून व्यवस्था, यातायात सहित तमाम तरह की दिक्कतों को देखते कांवड़ क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 32 जोन और 130 सेक्टर में बांटा गया है साथ ही डीजीपी का कहना है कि जाम से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने प्लान तैयार किया है। जिससे जाम के झाम से निजात मिल सकेगी|
कुल मिलाकर धामी सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां खड़ी हो गई है। सवाल ये है कि जब कांवड़ यात्रा से पहले ही राज्य में जबरदस्त जाम और अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही है तो कांवड़ यात्रा के शुरू होने के बाद क्या होगा| इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं धामी सरकार एक तरफ जहां कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगाकर इस फैसले को जनहित में बता रही है तो दूसरी तरफ जगह जगह खुदी सड़के आधे अधूरे काम आखिर क्यों बरसात से पहले ये काम नहीं कराए गए?