देहरादून- शहरों को स्मार्ट बनाने के उद्देश्य से लाई स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत स्मार्ट सिटी देहरादून को केंद्र ने बड़ा झटका दिया है। दअरसल, केंद्र सरकार ने इस परियोजना के बजट में कटौती करते हुए बजट को आधा कर दिया है। एक हजार करोड़ की परियोजना का बजट घटकर अब 550 करोड़ रुपए रह गया है। चुनाव से पहले केंद्र से मिले इस झटके से स्मार्ट सिटी के कार्यों को नुकसान होगा….वहीं मौजूदा समय की बात करें तो स्मार्ट सिटी के तहत देहरादून में कई विकास कार्य किए जा रहे हैं। हालांकि, अधिकांश कार्य कछुए की चाल से ही चल रहे हैं जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है| वहीं राज्य के शहरी विकास मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने स्मार्ट सिटी के कार्यों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान मंत्री ने स्मार्ट सिटी के कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई है। सवाल ये है कि परियोजना में किए गए बजट कटौती से स्मार्ट सिटी के कार्य कैसे पूरे होंगे?
आपको बता दें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत देहरादून में कई कार्य किए जा रहे हैं। जिसके तहत स्मार्ट स्कूल, ई क्लेक्ट्रेट, कमांड सेंटर जैसे अन्य कार्य किए जा रहे हैं जो कि पूरे हो चुके हैं। जबकि स्मार्ट टॉयलेट, दून लाईब्रेरी, पेयजल आपूर्ति, पलटन बाजार सौंदर्गीकरण, स्मार्ट पोल लगाने जैसे अनगिनत काम अभी अधूरे चल रहे हैं। वहीं, राज्य के शहरी विकास मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने स्मार्ट सिटी के कार्यों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान मंत्री ने स्मार्ट सिटी के कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई है। साथ ही अधिकारियों के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रिम प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी से जनता को काफी उम्मीदें हैं लेकिन देहरादून में इस परियोजना के तहत चल रहे कार्य लोगों को सुविधा देने के बजाय टूटी सड़कें आए दिन हादसों को बढ़ावा दे रही हैं। वहीं अब इस परियोजना के तहत चल रहे कार्यों पर ही सवाल खड़े हो गये हैं..सवाल ये है कि केंद्र से बजट की हुई कटौती क्या धामी सरकार की विफलता है। आखिर सरकार कैसे स्मार्ट सिटी के कार्यों को आधे- अधूरे बजट से पूरा करेगी…क्या जनता का स्मार्ट सिटी का सपना सपना ही रह जाएगा?