उत्तराखंड- भारत की लोक संस्कृति के प्रति विदेशियों का पहले से ही आकर्षण रहा है। यहां के लोग को संस्कृति, खान-पान, रहन- सहन, पहनावा उन्हें खूब भाता है। समय मिलने पर वे इसका हिस्सा भी बनते हैं इस बार भी जी-20 में आए विदेशी महमानों ने पहाड़ी संस्कृति को करीब से जाना| एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की दूसरी बैठक में भाग लेने आए सदस्य देशों के 20 प्रतिनिधियों ने गढ़वाल के टिहरी जिले में भ्रमण किया। इस दौरान ओणी गांव में उन्होंने लोक संस्कृति को करीब से देखा। गांव में विदेशी अतिथियों के पहुंचने पर ग्रामीणों ने उनका परंपरानुसार स्वागत किया। लोक वाद्य के साथ तिलक लगाकर स्वागत किया गया। इस दौरान मेहमानों ने भी ग्रामीणों के साथ मिलकर हाथ चक्की ओखली, मैथनी को चलाने के गुर सीखे।
पहाड़ी जीवन शैली को करीब से जाना
जी-20 की बैठक में शामिल होने आए विदेशी प्रतिनिधि बीते दिन टिहरी के ओणी गांव पहुंचे। जहां वह लोगों से मिले ओर पहाड़ की संस्कृति को करीब से जाना। विदेशी मेहमानों ने गांव के अन्य संस्थानों का भी दौरा किया। उन्होंने आंगनवाड़ी, पंचायत भवन, ग्रामीण बचत बैंक, दुग्ध उत्पादन केंद्र, ओपन जिम, प्राथमिक विद्यालय का भी दौरा किया। गांव में भ्रमण के दौरान उन्होंने पहाड़ की लोक कला, परम्परा, गीत-संगीत, जैविक खेती, को जाना। आंगनवाड़ी केंद्र में जाकर जच्चा-बच्चा के रख- रखाव को भी देखा। प्राथमिक विद्यालय जाकर भी शिक्षा व छात्रों के मिड-डे-मील की जानकारी ली।