देहरादून। प्रदेश सरकार राज्य में सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चला रही है। एक ओर कुछ सरकार के इस अभियान का पूरा समर्थन कर रहे हैं तो दूसरी ओर राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है।
विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावार है। इसी बीच सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार अतिक्रमण के नाम पर दशकों से बसे हुए गरीब लोगो को बेघर करने का काम कर रही है। इसीलिए हरीश रावत ने बुधवार को देहरादून के गांधी मैदान मे उपवास रखा।
रावत ने उपवास के बाद मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग राज्य गठन के काफी समय पहले से ही सिंचाई विभाग,राजस्व विभाग और वन विभाग की भूमि में बसकर अपनी आजिविका कमा रहे हैं। इसमें गोट,खट्टे,पडाव जैसी अनेक वन भूमि पर बसर करने वाले लोग भी शामिल है।
इसके साथ राज्य के पर्वतीय क्बेषेत्नारों में म भूमि पर गांधी ग्राम,हरि ग्राम,इंद्रा ग्राम बसाए गए है। लेकिन प्रदेष सरकार नियमों को ताक पर रखते हुए अतिक्रमण के नाम पर एकतरफा इन गरीब लोगों को बेघर करने का काम कर रही है।
कई जगह लोगों को घर दिए जा चुके हैं। जबकि कई जगह से लोगों को हटाया भी जा चुका है। हरीश रावत ने सरकार से ऐेसे सभीमामलों में मानवीय आधार पर कारवाई करते हुए उन्हे नियमितता बरतने की मांग की है।
इसी अवसर पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेशगेदियाल ने कहा कि लहरो के दम पर आने वाली सरकारे इसी तरह से आम जनता के हितों पर कुठाराघात करती है। गोदियाल का कहना है कि प्रदेश सरकार अतिक्रमण के नाम पर प्रदेष की गरीब जनता को बेघर करने और जनता के अधिकारो पर कुठाराघात करने का काम कर रही है।