उखीमठ-
पंच केदारों में से एक द्वितीय केदार भगवान मध्यमहेश्वर धाम के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए छह माह के लिए खोल दिए गए हैं। सोमवार को पौराणिक परंपरा वैदिक मंत्रोचार विधि विधान के साथ ही मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं। बद्री केदार मंदिर समिति ने कपाट खुलने से पूर्व ही यात्रा मार्ग और मंदिर प्रांगण में सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर दिया था वहीं कपाट खुलने के मौके पर स्थानीय लोगों ने मंदिर मे दर्शन कर पूजा अर्चना किया। बीते 19 मई को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में नए अनाज का भोग लगाने के बाद डोली को मंदिर में स्थापित किया गया। जिसके बाद 20 मई को डोली ने अपने ग्रीष्मकालीन गद्दी स्थल के लिए प्रस्थान किया। केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग की उपस्थिति में मध्यमहेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने पूजा अर्चना करने के बाद भगवान की चल विग्रह डोली को रवाना किया अब छह माह के लिए मध्यमहेश्वर धाम में ही भगवान के दर्शन और पूजन होंगे। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर समुद्र तल से करीब 3470 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए रुद्रप्रयाग जनपद के रांसी गांव से 16 किमी का पैदल मार्ग तय करना होता है।