पीएम मोदी के 10 साल पुराने ट्वीट को लेकर केजरीवाल ने पूछा सवाल…..?

KNEWS DESK : सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्र के अध्यादेश को लेकर काफी हलचल है|दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तो 10 साल पुराना एक ट्वीट शेयर करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है|केजरीवाल ने पूछा है कि अध्यादेश लाने का क्या कारण है..?

नरेंद्र मोदी का जो 10 साल पुराना ट्वीट केजरीवाल ने शेयर किया है,उसमें लिखा है कि ‘जब संसद में बैठक चल रही है| संसद को भरोसे में क्यों नहीं लिया गया और एक अच्छा बिल क्यों नहीं दिया जा सके? अध्यादेश क्यों लाया गया?

आपको बता दें, कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए 19 मई  को अध्यादेश लेकर आई है|इस अध्यादेश के माध्यम से केंद्र ने ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार उपराज्यपाल को सौंप दिए है|

 

अध्यादेश के माध्यम से केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण का गठन करेगी,वही दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस का कार्य करेगी|इसके सदस्यों की संख्या 3 होगी,जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव और गृह सचिव भी शामिल होंगे|मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में यह समिति अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का फैसला अनंत के आधार पर करेगी|आपको बता दें,कि अधिकारीयों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल द्वारा ही किया जाएगा|

आदेश सुप्रीम कोर्ट की अवमानना?

दिल्ली की सरकार द्वारा कहा गया है कि केंद्र सरकार का अध्यादेश सीधेतौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है| सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में बड़े ही साफ तौर पर कहा था कि चुनी हुई सरकार सुप्रीम है| चुनी सरकार के पास सारी शक्तियां हैं|सुप्रीम कोर्ट के आदेश से डरकर केंद्र सरकार यह अध्यादेश लेकर आई है|केजरीवाल सरकार की पावर को कम करने के लिए यह अध्यादेश लाया गया है|

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केंद्र सरकार का नया अध्यादेश बदले की भावना से ओत-प्रोत है, और पूरी तरह से संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है| संवैधानिक सिद्धांत यह है, कि नौकरशाह चुनी हुई सरकार के प्रति जवाबदेह होते हैं| लेकिन आपने नौकरशाहों को अन्य नौकरशाहों का प्रभारी बना दिया है|आप कैसे अध्यादेश के जरिए संविधान का उल्लंघन कर सकते हैं? इसे चुनौती दी जाएगी और इसे संसद के जरिए पारित नहीं होने दिया जाएगा|

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