केन्यूज़ डेस्क, जगदीश वासुदेव, जिन्हें सद्गुरु के नाम से जाना जाता है,ने एक साल पहले मिट्टी बचाओ अभियान की शुरुआत की थी और यह अभिया हर दिन मजबूत हो रहा है. सद्गुरु का उद्देश्य मिट्टी के संरक्षण के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ लाना है.
आंदोलन का मुख्य उद्देश्य विश्व नेताओं के साथ बातचीत और नीतिगत पॉलिसी के माध्यम से खेती योग्य मिट्टी में जैविक तत्वों को बढ़ाना है. सद्गुरु ने इस उद्देश्य के लिए दुनिया भर की यात्रा भी की. मिट्टी की गंभीर स्थिति के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए, सद्गुरु साल भर पहले बाइक से ट्रेवल पर निकले थे. इस दौरान उन्होंने 27 देशों और 30,000 किलोमीटर की दूरी को कवर किया.
मिट्टी बचाओ अभियान का एक वर्ष पूरा होने पर जाइए इस अभियान की उपलब्धियां
एक साल पहले, सदगुरु ने दुनिया दुनिया भर में खत्म हो रही मिट्टी को संबोधित करने वाली नीतियों को बनाने के लिए नागरिकों का समर्थन और सरकारों को सक्रिय करने के 27 देशों में 100-दिवसीय, 30,000 किमी की मिट्टी बचाओ की यात्रा शुरू की थी। दुनिया की 52 प्रतिशत कृषि योग्य मिट्टी पहले ही ख़राब हो चुकी है, मिट्टी बचाओ अभियान सिफारिश करता है कि मिट्टी जिसमे कृषि की जाती है उसमें क्षेत्रीय परिस्थितियों के आधार पर कम से कम 3-6% साइल आर्गेनिक मैटर (SOM) होना चाहिए। इससे किसानों के लिए टिकाऊ कृषि,जलवायु प्रतिरोषाक खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा । मिट्टी में जैविक पदार्थ में वृद्धि सिंचाई और उर्वरकों पर सरकार के खर्च को भी आश्चर्यजनक रूप से कम करेगा।
सदगुरु द्वारा की गयी ऐतिहासिक यात्रा की पहली वर्षगांठ पर, “मिट्टी बचाओ अभियान” की कुछ प्रमुख उपलब्धियों पर एक नज़र डालते हैं जो दुनिया के लिए एक एकीकृत शक्ति बन गया।
- अभियान केवल 100 दिनों के भीतर91 अरब से अधिक लोगों तक पहुंच गया और 81 देश मिट्टी बचाने के नीतियों को तैयार करने की दिशा में उद्देश्यपूर्ण कदम उठा रहे हैं।
- दस भारतीय राज्य – गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक गोवा और असम ने मिट्टी बचाने के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।
- 6 कैरेबियाई राष्ट्र, अजरबैजान, संयुक्त अरब अमीरात और फ्रांसीसी सरकार की “4 प्रति 1000” पहल ने “मिट्टी बचाओ” के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
- नेपाल सरकार के पर्यावरण मंत्रालय और कृषि मंत्रालय मिट्टी बचाओ अभियान से जुड़ने के लिए लेटर ऑफ़ सॉलिडेरिटी प्रस्तुत किया। नेपाल सरकार में पर्यावरण मंत्रालय ने भी मिट्टी को बचाने के लिए 30,000 पेड़ लगाने के लिए प्रतिबद्ध हुआ।
- सूरीनाम गणराज्य, नामीबिया, और राष्ट्रों का कॉमनवेल्थ और मुस्लिम वर्ल्ड लीग जैसे संगठन मिट्टी बचाओ अभियान का समर्थन करने के लिए आगे आए हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय संगठन जो पारिस्थितिक कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे हैं, जैसे कि इंटरनेशनल यूनियन ऑफ़ कंज़र्वेशन ऑफ़ नेचर (ICUN ) और संयुक्त राष्ट्र (यूएन) एजेंसियां – यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेसर्टिफिएशन (UNCCD), वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम (WFP), फ़ूड एंड एग्रीकल्चरल आर्गेनाईजेशन (FAO ) और यूनाइटेड नेशंस एनवायरनमेंट प्रोग्राम फेथ फॉर अर्थ (UNEP ) अभियान में भागीदार बनने के लिए आगे आयी हैं।
- संयुक्त राष्ट्र में पार्टियों के सम्मेलन (COP15) के 15वें सत्र में मरुस्थलीकरण का मुकाबला करने के लिए कन्वेंशन (UNCCD), सदगुरु ने 197 पार्टियों को संबोधित किया, और क्षेत्रीय परिस्थितियों के आधार पर कम से कम 3-6% साइल आर्गेनिक मैटर (SOM) का एक व्यापक उद्देश्य को सुनिश्चित और इसे प्राप्त करने के लिए त्रिस्तरीय रणनीति प्रदान की।
मिट्टी बचाओ अभियान का 1 साल, देखिए वीडियो
मिट्टी बचाओ: एक जन अभियान
- उत्तरी अमेरिका के 40 शहरों ने 21 मार्च ,जिस दिन सद्गुरु ने अपनी मिट्टी बचाओ यात्रा की शुरुआत की थी को “मिट्टी बचाओ दिवस” के रूप में मान्यता दी है । इन शहरों में वाशिंगटन डीसी, एडमोंटन, कैलगरी, चार्लोट,सिनसिनाटी, इंडियानापोलिस, रेनर, सैन रेमन और कई अन्य शामिल हैं।
- 63 देशों के लगभग 30 लाख बच्चों ने अपने नेताओं को पत्र लिखे हैं और उनसे मिट्टी के पुनर्जीवन के लिए कार्रवाई करने का अनुरोध किया। इसमें से 15 लाख भारत के बच्चों ने भारत के प्रधान मंत्री को पत्र लिखे हैं।
- राइड फ़ॉर सॉइल – 960 बाइकर्स ने 17000+ किमी की यात्रा की, जिसमें 314 कार्यक्रम आयोजित किए गए और अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे ,मिट्टी को बचाने के लिए 176 स्थानों पर 51 हजार लोगों ने 60 देशों के 20 शहरों में वॉकथॉन का आयोजन किया।
- कई साइकिल चालक, नाविक, कलाकार मिट्टी बचाओ का संदेश दुनिया को दे रहे हैं। 50 वर्ष की नथाली, सदगुरु की मिट्टी के लिए की यात्रा से प्रेरित होकर, 8000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा पर निकली फ्रांस ईशा योग केंद्र, कोयम्बटूर में अपनी यात्रा का समापन करती है। सेके कादिमेंग अभियान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पूरे दक्षिण अफ्रीका में 10,000 किमी की पदयात्रा कर रहे हैं। डोनाल्ड अलेक्जेंडर रूट डु राउम ने 2022 में भाग लिया और अटलांटिक के पार मिट्टी बचाओ का संदेश भेजा। इसी तरह, 17 वर्षीय किशोर साहिल झा पहले ही 9 भारतीय राज्यों में साइकिल चला चुके हैं। अभियान को तेज करने की मांग रेंस गोएडे ने मार्च 2023 को 30,000 किमी की अपनी साइकिल यात्रा लंदन से भारत शुरू की।
- सेव सॉयल के समर्थन में 50 प्रतिष्ठित स्थानों, जिसमे बुर्ज खलीफा, नायग्रा फॉल्स, जेनेवा में जेट डी’ओयू फाउंटेन, हावड़ा ब्रिज मुंबई में बीएमसी मुख्यालय को रोशन किया गया।
मिट्टी बचाने के लिए वैश्विक समर्थन
- सेव सॉइल को प्रसिद्ध संरक्षणवादियों डॉ. जेन गुडॉल, जेन गुडऑल संस्थान के संस्थापक और यूएन मैसेंजर ऑफ पीस के विजेता; परम पावन दलाई लामा; डेविड ब्यासले, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम (WFP) और अन्य वैश्विक आवाजों का समर्थन मिला है।
- मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन तू कॉम्बैट डेसर्टीफिकेशन (UNCCD) के एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी इब्राहिम थियाव; डॉ रतन लाल, प्रतिष्ठित मृदा वैज्ञानिक और विश्व खाद्य पुरस्कार विजेता; एरिक सोलहेम, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और संयुक्त राष्ट्र केअंडर -सेक्रेटरी -जनरल ; स्टीवर्ट मैजिनिस, उप महानिदेशक, डिप्टी डायरेक्टर जनरल, इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ़ नेचर (IUCN); पॉल लुउ, एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी, 4 पर 1000 पहल, और कई अन्य अभियान का समर्थन करने के लिए आगे आए।
- जाने-माने अभिनेताओं अजय देवगन, आर माधवन, प्रेम चोपड़ा, मौनी रॉय, जूही चावला, शिल्पा शेट्टी, मनीषा कोइराला, एबी डिविलर्स से लेकर गायक सोनू निगम, श्रेया घोषाल, दिलजीत दोसांझ, मलूमा से लेकर हरभजन सिंह, मैथ्यू हेडन, विवियन रिचर्ड्स जैसे क्रिकेटरों तक – मिट्टी के क्षरण के प्रति अपनी चिंता दिखाने के लिए कई सेलेब्स आगे आए हैं और मिट्टी बचाओ अभियान के प्रति अपना समर्थन दिया है।
- दुनिया भर के 1,567 मीडिया आउटलेट्स ने मिट्टी बचाओ अभियान के तहत सदगुरु का सफर के दौरान शहरों में हुए मिट्टी बचाओ कार्यक्रमों को कवर किया है।
मिट्टी बचाओ: एक वैश्विक प्रयास क्योंकि इसके संभव बनाने के लिए हर किसी की जरूरत है।
- यूरोपियन कमीशन ने प्रस्तावित ईयू साइल हेल्थ लॉ पर सार्वजनिक परामर्श शुरू किया है
- चीन 40 वर्षों में अपना पहला राष्ट्रीय मिट्टी सर्वेक्षण शुरू करने के लिए तैयार है
- अमेरिका ने खेत की मिट्टी को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए करीब 8 अरब डॉलर का आवंटन किया है
- इंग्लैंड में किसानों को अगले साल से मिट्टी के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए भुगतान किया जा रहा है
- स्लोवाकिया कार्बन फार्मिंग पर आगे बढ़ रहा है
मिट्टी बचाओ अभियान : कार्य अभी शुरू ही हुआ है
मिट्टी बचाओ अभियान ने 7 क्षेत्रों के लिए वैश्विक मिट्टी बचाओ नीति पुस्तिका जारी की है। ये प्रदेश अफ्रीका, एशिया, यूरोप, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन, मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका, उत्तर अमेरिका, और ओशिनिया शामिल हैं। नीति की पुस्तकें व्यावहारिक, वैज्ञानिक नीति अनुशंसाएँ प्रदान करती हैं जो कि सरकारें अपने राष्ट्र में मिट्टी को पुनर्जीवित करने के लिए कार्रवाई में ला सकती हैं।
इस अभियान में 193 देशों के लिए विशिष्ट सतत मिट्टी पद्धतियो द्वारा हर देश में मृदा स्वास्थ्य में सुधार के 700 अनूठे तरीकों को भी जारी किया है ।
गुयाना सरकार किसानों को मिट्टी की जैविक सामग्री को 3-6% तक बढ़ाने और दुनिया के लिए एक प्रदर्शनीय मॉडल बनाने के लिए 100 वर्ग किमी भूमि , मिट्टी बचाओ टीम की मदद के लिए आवंटित करेगी।
मिट्टी बचाओ संदेश जारी रखें
मिटटी बचाओ अभियान के एक साल पूरे होने पर सद्गुरु ने कहा कि “इस दिन एक साल पहले, हमने लंदन से #SaveSoil अभियान शुरू किया था। करोड़ों लोगों का धन्यवाद जिन्होंने इसे ग्रह पर अब तक का सबसे बड़ा जन अभियान बनाने के लिए अपना दिल और हाथ इस अभियान में लगा दिया है। सभी राष्ट्रों को बधाई और धन्यवाद जिन्होंने मिट्टी की नीतियां बनाना शुरू कर दिया है। समय की आवश्यकता दुनिया की कृषि मिट्टी को पुनर्जीवित करने और माइक्रोबियल जीवन को पुनर्जीवित करने और बदले में सभी जीवन की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करना है । -Sg”, एक साल की सालगिरह पर सदगुरु ने कहा।
On this day a year ago, we started the #SaveSoil movement from London. Thanks to billions of people who have put their hearts and hands into the movement to make it the largest people’s movement ever on the planet. Congratulations and thanks to all the Nations which have started… pic.twitter.com/MV2dwuSs6w
— Sadhguru (@SadhguruJV) March 21, 2023
“आप में से हर एक, संदेश जारी रखें… दिन में कम से कम एक बार, बस टाइप करें मिट्टी बचाओ, मिट्टी बचाओ बोलो
कहीं न कहीं, सदगुरु कहते हैं, लोगों को संदेश रखने के लिए प्रोत्साहित करते हुए।