knews desk, अतीक-अशरफ हत्याकांड के मामले में हुई बड़ी कार्यवाही पांच पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गिरी गाज। शाहगंज एसओ अश्विनी कुमार सिंह सहित इन पुलिसकर्मियों को कर दिया गया सस्पेंड। अब एसआईटी ने एसओ समेत सभी पुलिस कर्मियों से पूछताछ की थी जिसके बाद एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
थाना प्रभारी अश्विनी कुमार सिंह सहित दो कॉन्स्टेबल और दो सब-इंस्पेक्टर सस्पेंड कर दिए गए हैं। यह फैसला मंगलवार को सहायक पुलिस आयुक्त के तबादले के आदेश के एक दिन बाद आया है। बता दें कि वह 15 अप्रैल की रात प्रयागराज के काल्विन अस्पताल के बाहर मौजूद थे जिस वक्त अतीक-अशरफ पर हमला किया गया था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस हत्याकांड की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक पैनल का गठन किया है जो दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा। अतीक-अशरफ की हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का भी गठन किया गया है |
इस हत्याकांड के बाद 4 बड़े सवाल इस जाँच दल के सामने है-
- मीडिया को क्यों अतीक और अशरफ के करीब आने दिया गया? फर्जी आईडी और माइक के साथ आए पत्रकारों की पहचान करना पुलिस का काम था। ऐसा क्यों नहीं किया गया?
- इतना फ्री माहौल क्यों दिया गया कि हमलावर अतीक अहमद के इतना करीब पहुंच गए, जब किसी आरोपी की हत्या पुलिस कस्टडी में होती है तो यह शासन पर सवालिया निशान है।
- जिस तरह हमलावरों ने सरेंडर किया उसे देखकर लगता है कि बात उससे बहुत ज़्यादा आगे की है जितना हम समझ पा रहे हैं।
- हमलावर गरीब पृष्ठभूमि के हैं, लेकिन वे तुर्की की बंदूकों का इस्तेमाल कर रहे थे, जिनमें से प्रत्येक की कीमत 7 लाख रुपये थी, प्रत्येक राउंड की कीमत 250 रुपये थी। उनकी फायरिंग से पता चलता है कि वह शार्प शूटर थे।