पीछले कुछ दिनों से बीजेपी के अंदर सियासी उठापटक देखने को मिल रही है. जहां योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के बीच तनातनी की अटकलें लगातार जारी है.
दरअसल मामला यह है कि, उत्तर प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन और कैबिनेट विस्तार करने की बीजेपी सोच रही है. इससे योगी आदित्यनाथ नाखुश नजर आ रहे हैं. अगर पूर्वांचल बना तो गोरखपुर भी नए राज्य में ही आएगा जो योगी का गढ़ है. योगी 1998 से 2017 तक पांच बार गोरखपुर से लोकसभा सांसद रहे हैं. इसके अलावा योगी गोरक्षपीठ के महंत भी हैं. इसका केंद्र गोरखपुर में ही है.
वहीं सूत्रों के अनुसार पूर्वांचल में गोरखपुर सहित 23 से 25 जिले शामिल हो सकते हैं. इसमें 125 विधानसभा सीटें भी होंगी. कहा जा रहा है कि इन पहलुओं को लेकर योगी खेमा सहमत नहीं है. अलग पूर्वांचल, बुंदेलखंड और हरित प्रदेश की मांग लंबे समय से चल रही है. हालांकि, पहले योगी सरकार ने पूर्वांचल के विकास के लिए 28 जिलों का चयन किया था.
हालांकि बीजेपी के करीबी और पूर्व नौकरशाह एके शर्मा को उत्तर प्रदेश भेजने और उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाने को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल शर्मा कुछ समय से बीजेपी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोरोना प्रबंधन संभाल रहे हैं.
वही ऐसा मानना है कि UP की सत्ता का रास्ता पूर्वांचल से ही होकर जाता है. जिसके पास पूर्वांचल में अधिक सीटें आईं, वही यहां की सत्ता पर काबिज होता है. बीते 27 साल में हुए चुनावों को देखें तो पूर्वांचल का मतदाता कभी किसी एक पार्टी के साथ नहीं रहा है.