सिवनी: सिवनी पुलिस कंट्रोल रूम में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सीपीआर की ट्रेनिंग दी गई. इस ट्रेनिंग का उद्देश्य आकस्मिक परिस्थितियों में लोगों की जान बचाना है . शनिवार को ट्रेनिंग में आए जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सीपीआर की बेसिक जानकारी दी.इसके बाद डेमो देकर सीपीआर देने का सही तरीका भी बताया गया.कार्यशाला में उपस्थित सिवनी एसपी रामजी श्रीवास्तव ने सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वयं सीपीआर कैसे दिया जाना चाहिए इसका भी एक डेमो पुलिस को दिया.
एक दिन की कार्यशाला में यह भी जानकारी दी कि केवल अचानक बेहोश होकर गिरे व्यक्ति या फिर हार्ट अटैक के बाद ही सीपीआर देना चाहिए.गम्भीर रूप से दुर्घटना का शिकार हुए लोगों को सीपीआर नही देना चाहिए.आम तौर पर सीपीआर उन्ही लोगों को देना चाहिए जो करंट लगने, हार्ट अटैक,या मामूली रूप से घायल होने पर बेहोश हुए हों.
सीपीआर देने का क्या है सही तरीका :
सबसे पहले मरीज की जमीन पर लेटा दें और उसकी पल्स चेक करें. अगर पल्स लगातार गिर रही है और व्यक्ति बेहोश हो रहा है तो तुरंत सीपीआर देना शुरू करें. इससे पहले मरीज के सिर को पकड़कर थोड़ा पीछे की ओर कर दें. इससे सांस की नली खुल जाएगी.अब सीपीआर देना शुरू करें इसके लिए पहले अपने हाथों को लॉक कर लें. दोनों हाथों को एक दूसरे पर रखें और उंगलियों को फंसा लें.अब मरीज की छाती के एकदम बीच में हाथ रखें और छाती को कंप्रेश करना शुरू कर दें. कंप्रेशन तेजी से होना चाहिए. एक मिनट में करीब 100 बार सीने को दबाना है. कंप्रेश ऐसे करना की चेस्ट अंदर की ओर दबें और फिर आपस अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएं.जब तक मरीज को सांस न आए ऐसा करते रहें. इस दौरान बीच बीच में मुंह से मुंह में सांस देने की कोशिश भी करें.सीपीआर से हार्ट में ब्लड का फलो बढ़ जाएगा, जिससे मरीज की जान बच सकती है.सीपीआर देने के दौरान किसी व्यक्ति की सहायता से एंबुलेंस को भी बुला लें और मरीज को अस्पताल भेज दें.
एसपी ने दिया पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश
सिवनी एसपी रामजी श्रीवास्तव ने इस कार्यशाला के सम्बंध में जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस अधिकारी और कर्मचारी हमेशा फील्ड में रहते है.अक्सर ऐसी घटनाएं पुलिस कर्मचारियों के सामने होती है.जब किसी आकस्मिक रूप से घायल हुए व्यक्ति को तत्काल मेडिकल सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है.ऐसी परिस्थितियों में पुलिस कर्मचारी यदि सीपीआर के संबंध में जानकारी रखते हैं. तो वह लोगों को तत्काल सीपीआर देकर उनकी जान बचा सकते है. इसीलिए यह कार्यशाला आयोजित की गई.साथ ही सभी थाना प्रभारियों और बीट प्रभारियों को उनके क्षेत्र में सप्ताह के 2 दिन पैदल पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिया .ताकि इससे वह स्वस्थ भी रहेंगे और उनके क्षेत्र में अपराध नियंत्रण और सूचना संकलन की दृष्टी से उपयोगी साबित होगा.