देहरादून, राजधानी देहरादून में फर्जी डाॅक्टरों का जाल फैला हुआ है। डाॅक्टरी की फर्जी डिग्री लेकर जगह जगह क्लीनिक खोलकर बैठे ये झोलाछाप डाॅक्टर लोगों के लिए भी बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। छोटे छोटे गली मौहल्ले मे ये झोलाछाप अपनी दुकानदारी बहुत अच्छे से चलाते हैं। बीते समय में पुलिस द्वारा इस तरह के जाली डिग्री लेकर अपना अवैध क्लीनिक चलाने वालों की जांच कर कार्रवाई की जिसमें पता चला कि यह एक गिरोह के माध्यम से बीएएमएस की जाली डिग्री बनाकर शहर में धड़ल्ले से अपना क्लीनिक चला रहे हैं। ऐसे ही 19 और फर्जी डाॅक्टर एसआइटी के रडार पर हैं एसआइटी अभी इनके सम्बन्ध में जानकारी जुटा रही है कि उन्होने जाली डिग्री कहां से बनवायी। साथ भारतीय चिकित्सा परिषद में इनके पंजीकरण सम्बंधी जानकारी जुटाई जा रही है कि क्या इनके पंजीकरण रद्द किये गए थे और यदि इनके पंजीकरण रद्द किये गए हैं तो किन कारणों के चलते रद्द किये गए। बतादें कि जाली डिग्री प्रकरण मामले में एसआईटी अब तक करीब चौदह आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिसमें पकड़े गए आरोपित गिरोह के सरगना काॅलेज संचालक इमलाख उसका भाई इमरान और मामले में शामिल भारतीय चिकित्सा परिषद के तीन कर्मचारी और फर्जी डाॅक्टर शामिल हैं। मामले की जांच कर पुलिस लगातार दबिश भी दे रही है। उम्मीद जताई जा रही हैै कि आने वाले कुछ दिनों में पुलिस अन्य आरोपियों को भी शिकजे में लेगी। मामले के सम्बन्ध में सीओ नेहरू काॅलोनी अनिल जोशी ने बताया कि जाली फर्जी प्रकरण में 19 और जाली डॉक्टर पुलिस के रडार पर हैं। जो जाली डिग्रियां लेकर क्लीनिक खोलकर बैठे हैं।