दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 जनवरी से, CAG रिपोर्ट्स को लेकर जोरदार हंगामे के आसार

डिजिटल डेस्क- नए साल की शुरुआत के साथ ही राजधानी दिल्ली में राजनीतिक सरगर्मी तेज होने वाली है। दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 जनवरी से शुरू होकर 8 जनवरी 2026 तक चलेगा। चार दिन के इस सत्र को लेकर पहले से ही सियासी तापमान बढ़ता नजर आ रहा है। सदन में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस और हंगामे के पूरे आसार हैं, खासकर उन पांच अहम नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट्स को लेकर, जिन्हें इस दौरान सदन में पेश किया जाएगा। शीतकालीन सत्र की शुरुआत 5 जनवरी 2026 को सुबह 11 बजे उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण से होगी। हालांकि, दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच लंबे समय से चले आ रहे मतभेदों को देखते हुए इस अभिभाषण के दौरान सदन में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं। बीते सत्रों में भी एलजी के अभिभाषण के दौरान विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच टकराव की स्थिति बनती रही है।

पांच अलग-अलग मुद्दों पर रखी जाएगी CAG रिपोर्ट्स

इस सत्र का सबसे बड़ा और संवेदनशील मुद्दा CAG की रिपोर्ट्स को माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा में पांच अलग-अलग CAG रिपोर्ट्स रखी जाएंगी। आम तौर पर इन रिपोर्ट्स में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन, बजटीय खर्च, प्रशासनिक प्रक्रियाओं और विभागीय कार्यप्रणाली से जुड़ी कमियों का विस्तृत ब्योरा होता है। ऐसे में इन रिपोर्ट्स के सार्वजनिक होते ही राजनीतिक बहस और आरोप-प्रत्यारोप तेज होने की संभावना है। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पहले ही संकेत दे चुका है कि वह इन रिपोर्ट्स के आधार पर आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को कठघरे में खड़ा करेगी।

CAG रिपोर्ट्स में अनियमितताओं का जिक्र- भाजपा

बीजेपी नेताओं का कहना है कि CAG की रिपोर्ट्स में अगर वित्तीय अनियमितताओं या प्रशासनिक लापरवाहियों का जिक्र हुआ, तो सरकार को जवाब देना होगा। पार्टी सत्र के दौरान इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाने की तैयारी में है। वहीं, आम आदमी पार्टी सरकार का कहना है कि वह हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और विपक्ष के आरोपों का तथ्यों के साथ जवाब देगी। सत्तापक्ष का दावा है कि CAG रिपोर्ट्स को लेकर बेवजह राजनीतिक माहौल बनाया जा रहा है और विपक्ष इनका इस्तेमाल सिर्फ हंगामा करने के लिए करना चाहता है।

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