KNEWS DESK- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भागवत कथा और सत्संग से समाज में सदाचार, नैतिकता और समरसता की भावना मजबूत होती है। कथा और सत्संग आध्यात्मिक अनुभूति और सामाजिक चेतना का सशक्त माध्यम भी है। कथा श्रवण और सत्संग से मन तृप्त होता है और जीवन संवरता है। भगवान की भक्ति, कथा श्रवण और सत्संग से वह तृप्ति मिलती है जो भौतिक सुख, वैभव और छप्पन भोग में भी नहीं है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इंदौर के ग्राम चित्तौड़ा में संत कमल किशोर नागर महाराज की कथा के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गुरुवर कमल किशोर नागर जी का नाम ही हमारे लिए सौभाग्य का प्रतीक है। वर्षों से आपके प्रवचनों के माध्यम से हम भगवान की भक्ति में स्वर्ग लोक का अनुभव कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कथा एवं सत्संग के श्रवण से स्वर्ग लोक सहित सभी तीर्थों का आनंद प्राप्त हो जाता है। उन्होंने भक्ति और सत्संग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि भौतिक सुख-साधन और 56 भोग भी मन को तृप्त नहीं कर सकते, लेकिन भगवान की भक्ति और सत्संग मन को पूर्ण तृप्ति प्रदान करते है और सफल जीवन का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गौ माता की सेवा के लिए महाराज कमल किशोर नागर द्वारा किए जा रहे कार्यों की मुक्तकंठ से सराहना की। उन्होंने कहा कि गौ माता की सेवा जीवन का सबसे बड़ा पुण्य है। महाराज जी ने समाज को यह चेतना दी है कि केवल प्रवचन ही नहीं, बल्कि संस्कार और सेवा भी उतनी ही आवश्यक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार बनने के बाद गौशालाओं के विकास के लिए लगातार विशेष प्रयास किए जा रहे हैं और मध्यप्रदेश को गौ-सेवा का मॉडल राज्य बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। घर-घर गोपाल की भावना को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि जहां गाय है, वहीं गोपाल का वास है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सनातन संस्कृति की परंपराओं, कुंभ और सिंहस्थ स्नान के महत्व पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जल केवल शारीरिक शुद्धि का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन की उत्पत्ति और परंपरा का आधार है। मुख्यमंत्री ने शिप्रा नदी के शुद्धिकरण और जल संरक्षण के प्रयासों से आगामी सिंहस्थ को ऐतिहासिक और भव्य बनाने का संकल्प भी दोहराया।