KNEWS DESK- देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोमवार को चांदी की कीमतों में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला। सुबह बाजार खुलते ही चांदी ने नया इतिहास रच दिया, लेकिन कुछ ही घंटों के भीतर इसमें तेज गिरावट भी दर्ज की गई। रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद चांदी करीब 21 हजार रुपये तक सस्ती हो गई, जिससे निवेशकों में हलचल मच गई।
सुबह करीब 9 बजे बाजार खुलने के कुछ ही मिनटों में चांदी की कीमतों में 14 हजार रुपये से ज्यादा की तेजी आई और दाम पहली बार 2.50 लाख रुपये के पार पहुंच गए। MCX पर सुबह 9 बजकर 2 मिनट पर चांदी 2,54,174 रुपये प्रति किलो के साथ अपने लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गई। हालांकि, इसके बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी, जिसका सीधा असर कीमतों पर पड़ा।
MCX के आंकड़ों के मुताबिक, रिकॉर्ड हाई से चांदी की कीमतों में करीब 8.28 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। करीब तीन घंटे के भीतर चांदी के दाम 21,054 रुपये टूटकर 12 बजकर 20 मिनट के आसपास 2,33,120 रुपये प्रति किलो तक आ गए। ऐसा तेज क्रैश कम ही देखने को मिलता है। दोपहर 1 बजकर 55 मिनट पर चांदी 2,634 रुपये की गिरावट के साथ 2,37,153 रुपये पर कारोबार करती नजर आई। वहीं पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन चांदी 2,39,787 रुपये पर बंद हुई थी।
चांदी में आई इस तेज गिरावट के पीछे तीन प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं। पहला और सबसे बड़ा कारण प्रॉफिट बुकिंग है। रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचते ही निवेशकों ने मुनाफा निकालना शुरू कर दिया। दूसरा कारण रूस और यूक्रेन के बीच एक बार फिर शांति वार्ता की खबरें हैं, जिससे भू-राजनीतिक तनाव कुछ हद तक कम हुआ है। तीसरा कारण सुरक्षित निवेश (सेफ हेवन) की मांग में कमी आना माना जा रहा है, जिसका असर सीधे बुलियन बाजार पर पड़ा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोमवार को चांदी की कीमतें पहली बार 80 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंची थीं। हालांकि, इसके बाद मुनाफावसूली और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच संभावित शांति समझौते को लेकर सकारात्मक संकेत मिलने से कीमतें 75 डॉलर प्रति औंस से नीचे आ गईं। ट्रंप ने बयान दिया था कि यूक्रेन युद्ध खत्म करने को लेकर बातचीत निर्णायक मोड़ पर है, जिससे सुरक्षित निवेश की मांग कमजोर पड़ी।
हालांकि, दिन की भारी गिरावट के बावजूद चांदी ने मौजूदा साल में निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। रिकॉर्ड गिरावट के बाद भी चांदी इस साल अब तक करीब 180 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दे चुकी है। वहीं केवल मौजूदा महीने में ही निवेशकों को लगभग 40 फीसदी का फायदा मिला है।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी की कीमतों में तेजी की बड़ी वजह इंडस्ट्रियल डिमांड का बढ़ना और सप्लाई में कमी है। इलेक्ट्रिक व्हीकल, सोलर एनर्जी और अन्य औद्योगिक उपयोगों में चांदी की मांग लगातार बढ़ रही है, जो लंबी अवधि में कीमतों को सहारा दे सकती है।