गाजियाबादः 50 हजार की पूरी गड्डी गिर गई है, लौटा दीजिए प्लीज… भाजपा के भव्य स्वागत में ‘गायब’ हुई गड्डी, मंच से लगी लौटाने की गुहार

डिजिटल डेस्क- नव-नियुक्त भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी के स्वागत समारोह में ऐसा वाकया हुआ कि राजनीति के मंच पर अचानक “पर्सनल इमरजेंसी” का माहौल बन गया। मंच, माला, नारे और तालियों के बीच एक स्थानीय नेता की जेब से पूरे 50 हजार रुपये की गड्डी गायब हो गई। मामला तब और दिलचस्प हो गया, जब भाजपा किसान मोर्चा के महानगर अध्यक्ष पंकज भारद्वाज खुद माइक थामकर मंच से अपील करने लगे— “पर्स गिर गया है, पूरी गड्डी गिर गई है… जिस कार्यकर्ता को मिल गई हो, बड़ा दिल दिखाइए और पैसे लौटा दीजिए।” यह सुनते ही सभा में मौजूद लोग एक-दूसरे की जेबें नहीं, बल्कि चेहरे देखने लगे। किसी ने जमीन पर नजर दौड़ाई, तो कोई अपने पास बैठे कार्यकर्ता को शक की निगाह से देखने लगा। कुछ पल के लिए स्वागत समारोह कम और ‘खोज अभियान’ ज्यादा लगने लगा।

पहले ढूंढने का प्रयास, फिर लगाई मंच से गुहार

बताया जा रहा है कि कार्यक्रम स्थल पर भारी भीड़ मौजूद थी। नेता जी को पहले तो यही लगा कि शायद पैसे कहीं गिर गए होंगे। आसपास मौजूद लोगों ने भी जमीन, कुर्सियों के नीचे और मंच के आसपास खोजबीन की, लेकिन 50 हजार रुपये मानो हवा में उड़ गए। जब हर कोशिश नाकाम रही, तो आखिरकार मंच से जनता की अदालत लगाई गई। पंकज भारद्वाज की अपील में भावुकता भी थी और बेबसी भी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से भाईचारे का हवाला देते हुए कहा कि अगर किसी को गलती से पैसे मिल गए हों, तो “पार्टी की लाज” रखते हुए लौटा दें। यह दृश्य देखकर कुछ लोग मुस्कुरा रहे थे, तो कुछ सिर खुजा रहे थे कि स्वागत समारोह में यह क्या नया कार्यक्रम शुरू हो गया।

वीडियो वायरल, सोशल मीडिया को मिला नया मसाला

मंच से की गई यह अपील किसी दर्शक ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली और फिर क्या था—वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। देखते ही देखते यह वीडियो मीम मटीरियल बन गया। कोई लिख रहा है, “जहां सरकार है, वहां भी जेब सुरक्षित नहीं,” तो कोई तंज कस रहा है, “भाजपा का स्वागत इतना भारी पड़ा कि जेब ही हल्की हो गई।” कुछ यूजर्स इसे भीड़ प्रबंधन की नाकामी बता रहे हैं, तो कई लोग सीधे-सीधे इसे जेबकतरी का मामला कह रहे हैं। वहीं कुछ लोग मजाक में यह भी पूछ रहे हैं कि क्या अब पार्टी कार्यक्रमों में ‘पर्स सुरक्षा योजना’ भी शुरू होगी।

पुलिस को नहीं की गई शिकायत

सबसे हैरानी की बात यह है कि इतना हाई-प्रोफाइल मामला होने के बावजूद पुलिस में अब तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। न एफआईआर, न जांच बस मंच से अपील और सोशल मीडिया पर बवाल। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब प्रदेश अध्यक्ष के कार्यक्रम में ही 50 हजार रुपये सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता का क्या हाल होगा? गाजियाबाद से लेकर पूरे प्रदेश में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। राजनीतिक गलियारों में लोग इसे “हास्य-त्रासदी” बता रहे हैं जहां एक ओर पैसे गायब होने का दुख है, वहीं दूसरी ओर मंच से गड्डी लौटाने की अपील ने पूरे कार्यक्रम को यादगार बना दिया। फिलहाल 50 हजार रुपये कहां गए, यह रहस्य बना हुआ है, लेकिन इतना तय है कि यह स्वागत समारोह राजनीति से ज्यादा मनोरंजन के लिए याद रखा जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *