डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के लिए एक नया और अहम नियम लागू किया है। इसके तहत अब स्कूलों में प्रार्थना सभा के बाद सभी विद्यार्थियों को रोजाना 10 मिनट तक अखबार पढ़ना अनिवार्य होगा। सरकार का कहना है कि इस फैसले का मकसद बच्चों की पढ़ने की आदत को बढ़ाना, उनका सामान्य ज्ञान विकसित करना और स्क्रीन टाइम को कम करना है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक यह नियम प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्तर तक के सभी स्कूलों पर लागू होगा। स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के समाचार पत्र उपलब्ध कराए जाएं, ताकि वे बहुभाषी ज्ञान हासिल कर सकें।
टीवी, मोबाइल से दूरी बनाने के लिए उठाया गया है कदम
सरकार का मानना है कि आज के दौर में बच्चे मोबाइल फोन, टैबलेट और टीवी स्क्रीन पर ज्यादा समय बिता रहे हैं, जिससे उनकी एकाग्रता और पढ़ने की आदत प्रभावित हो रही है। ऐसे में अखबार पढ़ने की यह पहल बच्चों को डिजिटल दुनिया से कुछ समय दूर रखेगी और उन्हें वास्तविक दुनिया की घटनाओं से जोड़ेगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि अखबार पढ़ने के बाद शिक्षकों द्वारा बच्चों से सवाल पूछे जाएंगे। उनसे दिन की प्रमुख खबरों के बारे में जानकारी ली जाएगी और यह भी पूछा जाएगा कि उन्होंने अखबार पढ़ते समय कौन-कौन से नए शब्द सीखे। हर छात्र को कम से कम पांच नए शब्द बताने होंगे, जिससे उनकी हिंदी और अंग्रेजी शब्दावली मजबूत हो सके।
राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों के प्रति होंगे जागरूक
इसके अलावा अखबारों में छपे सुडोकू, क्रॉसवर्ड और अन्य बौद्धिक खेलों को भी बच्चों के मानसिक विकास के लिए उपयोगी बताया गया है। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे खेल बच्चों की तार्किक क्षमता, समस्या सुलझाने की योग्यता और स्मरण शक्ति को बेहतर बनाते हैं। सरकार का कहना है कि अखबार पढ़ने से बच्चे सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों के प्रति जागरूक होंगे। वे देश-दुनिया में हो रही घटनाओं को समझेंगे और उनमें तर्क-वितर्क करने की क्षमता विकसित होगी। इससे बच्चों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।