डिजिटल डेस्क- कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की शनिवार को हुई बैठक में केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा का नाम और ढांचा बदलने के फैसले के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। नई दिल्ली के इंदिरा भवन स्थित AICC मुख्यालय में हुई इस बैठक में कांग्रेस नेतृत्व ने केंद्र सरकार पर रोजगार गारंटी कार्यक्रम की मूल भावना को कमजोर करने का आरोप लगाया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक के बाद कहा कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि यह गरीबों के लिए अधिकार आधारित सुरक्षा कवच था। उन्होंने कहा कि MGNREGA का नाम और स्ट्रक्चर बदलकर सरकार रोजगार गारंटी की आत्मा को खत्म करना चाहती है। खरगे ने साफ किया कि कांग्रेस इस फैसले के खिलाफ सड़क से संसद तक संघर्ष करेगी।
मनरेगा ने करोड़ों लोगों को सम्मानजनक रोजगार उपलब्ध कराया- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा ने ग्रामीण भारत को आर्थिक संबल दिया और करोड़ों लोगों को सम्मानजनक रोजगार उपलब्ध कराया। उन्होंने आरोप लगाया कि नए कानून के जरिए राज्यों के अधिकार छीने जा रहे हैं और सारी ताकत केंद्र के हाथ में सौंपी जा रही है। राहुल गांधी के मुताबिक, यह कदम संघीय ढांचे पर सीधा हमला है। उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला बिना मंत्रिमंडल की सहमति के लिया गया है, जिससे यह साफ होता है कि देश में “वन मैन शो” चल रहा है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार की प्राथमिकता गरीब नहीं, बल्कि कुछ बड़े उद्योगपतियों के हित हैं।
5 जनवरी को होगा देशव्यापी आंदोलन
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह कानून लागू रहा तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लगेगा। CWC बैठक में तय किया गया कि कांग्रेस 5 जनवरी से देशव्यापी ‘MGNREGA बचाओ अभियान’ चलाएगी। इस अभियान के तहत पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर लोगों को मनरेगा में हुए बदलावों के असर के बारे में जागरूक करेंगे। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ एक योजना के नाम की नहीं, बल्कि गरीबों के अधिकारों की है।