डिजिटल डेस्क- कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की शनिवार को हुई अहम बैठक में केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा का नाम और स्वरूप बदले जाने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। नई दिल्ली के इंदिरा भवन स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) मुख्यालय में हुई इस बैठक में कांग्रेस नेताओं ने एकमत से महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट, 2005 (MGNREGA) के नाम परिवर्तन और नए कानून को पारित किए जाने की निंदा की। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की, जबकि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। CWC बैठक के बाद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मनरेगा केवल एक सरकारी योजना नहीं थी, बल्कि यह एक अधिकार आधारित कानून था, जिसने करोड़ों गरीब और ग्रामीण परिवारों को न्यूनतम मजदूरी और रोजगार की गारंटी दी। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बिना मंत्रिमंडल और संसद से व्यापक चर्चा किए मनरेगा का नाम बदला गया, जो लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के खिलाफ है।
गरीबों के अधिकारों पर सीधा हमला- कांग्रेस
राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा का नाम और ढांचा बदलना सीधे तौर पर गरीबों के अधिकारों पर हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने मनरेगा को “विकसित भारत रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)” यानी VB-G RAM G के रूप में बदलकर इसके मूल अधिकार आधारित स्वरूप को कमजोर कर दिया है। उनके मुताबिक यह कदम संघीय ढांचे पर भी चोट है, क्योंकि इससे राज्यों के अधिकार सीमित होते हैं और सारी शक्ति केंद्र के हाथ में सिमट जाती है। उन्होंने आगे कहा कि देश में इस समय “वन मैन शो” चल रहा है, जहां बड़े फैसले सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से लिए जा रहे हैं। राहुल गांधी ने दावा किया कि इस बदलाव से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा और इसका सबसे ज्यादा असर गरीब, मजदूर और ग्रामीण परिवारों पर पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियों का फायदा केवल कुछ चुनिंदा बड़े उद्योगपतियों को मिल रहा है।
5 जनवरी से पूरे देश में शुरू होगा मनरेगा बचाओ अभियान
इस मुद्दे पर कांग्रेस ने बड़ा राजनीतिक कदम उठाने का ऐलान किया है। राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी 5 जनवरी से पूरे देश में “MGNREGA बचाओ अभियान” शुरू करेगी। इस अभियान के तहत कांग्रेस गांव-गांव जाकर लोगों को बताएगी कि मनरेगा के नाम और स्वरूप में बदलाव से उनके संवैधानिक अधिकार कैसे छीने जा रहे हैं। CWC बैठक में इस मुद्दे पर निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मनरेगा का नाम और स्ट्रक्चर बदलकर रोजगार गारंटी कार्यक्रम की मूल भावना को कमजोर करने की कोशिश की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस इस फैसले के खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करेगी।