पुणे निकाय चुनाव से पहले पवार परिवार में सुलह के संकेत, एनसीपी और एनसीपी-एसपी गठबंधन लगभग तय

KNEWS DESK- महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनावों से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। पुणे नगर निगम चुनाव के लिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी और शरद पवार की एनसीपी (एसपी) के बीच गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है। खुद अजित पवार ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही इस पर औपचारिक ऐलान किया जाएगा। वहीं, पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम में भी दोनों पार्टियों के साथ आने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।

इसी सिलसिले में शुक्रवार को डिप्टी सीएम अजित पवार पिंपरी चिंचवाड़ पहुंचे, जहां उन्होंने एनसीपी-एसपी नेता आजम पानसरे से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद आजम पानसरे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अजित पवार काफी समय बाद उनसे मिलने आए और दोनों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की इच्छा है कि गठबंधन हो और अजित पवार ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम लंबे समय से संयुक्त एनसीपी का मजबूत गढ़ रहे हैं। बीएमसी के बाद इन दोनों नगर निगमों को महाराष्ट्र के सबसे समृद्ध निकायों में गिना जाता है। हालांकि, हाल के वर्षों में भाजपा ने इन इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत की है। ऐसे में पवार परिवार नहीं चाहता कि भाजपा उनके पारंपरिक किले में सेंध लगाए। यही वजह है कि मतभेदों को दरकिनार कर अजित पवार और शरद पवार के साथ आने की रणनीति बनाई जा रही है।

इस पूरे घटनाक्रम पर एनसीपी-एसपी की सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन की सभी संभावनाओं पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है और अजित पवार लगातार यह कहते रहे हैं कि उन्होंने अपनी विचारधारा नहीं छोड़ी है।

वहीं, ठाणे नगर निगम को लेकर तस्वीर कुछ अलग नजर आ रही है। एनसीपी का कहना है कि ठाणे में वह अकेले दम पर चुनाव लड़ सकती है, क्योंकि महायुति के घटक दलों ने अब तक बातचीत के लिए संपर्क नहीं किया है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में बीएमसी समेत कुल 29 नगर निकायों के चुनाव के लिए 15 जनवरी को मतदान होना है और नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस पुणे में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के साथ तालमेल की संभावनाएं तलाश रही है। हाल ही में शिवसेना (यूबीटी) और मनसे ने बीएमसी चुनाव के लिए गठबंधन का ऐलान किया था, जिस पर कांग्रेस ने सावधानी भरी प्रतिक्रिया दी थी।

कुल मिलाकर, नगर निकाय चुनाव से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं और पवार परिवार की एकजुटता भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।

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