डिजिटल डेस्क- कानपुर में एक निजी स्कूल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों ने कक्षा दो के एक मासूम छात्र पर पेन चोरी का आरोप लगाकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। इस प्रताड़ना का असर इतना गहरा पड़ा कि बच्चा डर के साए में जीने लगा और अपनी पीड़ा शब्दों में नहीं, बल्कि घर की दीवारों पर ‘HELP’ लिखकर जताने लगा। यह मामला सेनपश्चिम पारा थाना क्षेत्र स्थित सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल का है। पीड़ित छात्र आकाश (8) फौजी अभिषेक शंकर दुबे का बेटा है। उसकी मां पूनम दुबे का आरोप है कि 28 नवंबर को स्कूल स्टाफ ने उनके बेटे पर पेन चोरी का आरोप लगाया और उसे मानसिक रूप से अपमानित किया गया। आरोप है कि शिक्षकों ने बच्चे को डराया, धमकाया और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की।
जिस दिन हुआ पेन चोरी, बच्चा नहीं गया था स्कूल
मां का कहना है कि जिस दिन चोरी का आरोप लगाया गया, उस दिन उनका बेटा स्कूल गया ही नहीं था। इसके बावजूद 12 दिसंबर को उन्हें स्कूल बुलाकर शिकायत सुनाई गई। जब उन्होंने स्कूल प्रबंधन से चोरी की पुष्टि के लिए सीसीटीवी फुटेज मांगा, तो उन्हें साफ मना कर दिया गया और कथित रूप से धमकी भी दी गई। इस घटना के बाद आकाश का व्यवहार पूरी तरह बदल गया। वह चुप रहने लगा, किसी से बात नहीं करता था और बार-बार दीवारों पर ‘HELP’ लिखने लगा। मां के अनुसार, एक रात वह नींद में डरते-डरते कह रहा था “मैंने पेन नहीं लिया।” पूछने पर उसने शिक्षक द्वारा डराने और दबाव बनाने की बात बताई।
प्रिंसिपल, डायरेक्टर, टीचरों पर दर्ज हुई FIR
पीड़ित मां का आरोप है कि जब वह इस मुद्दे को लेकर स्कूल प्रबंधन से बात करने पहुंचीं, तो उनसे चोरी गए पेन की कीमत चुकाने को कहा गया। इससे साफ है कि स्कूल प्रबंधन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा था। मामले की जानकारी मिलने पर सेनपश्चिम पारा पुलिस ने जांच शुरू की। थाना प्रभारी प्रदीप कुमार सिंह के अनुसार, स्कूल प्रबंधन और संबंधित शिक्षकों को कई बार थाने बुलाया गया, लेकिन कोई भी पेश नहीं हुआ। इसके बाद बच्चे की मां की तहरीर पर स्कूल डायरेक्टर, प्रधानाचार्य, कक्षाध्यापिका और शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने आरोपियों पर धमकाने और किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 75 के तहत मामला दर्ज किया है, जो बच्चों के साथ क्रूरता और मानसिक उत्पीड़न से जुड़ी है। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए निष्पक्ष जांच की जा रही है।