अरावली को लेकर सियासी संग्राम तेज, भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस के आरोप किए खारिज, बोले– खनन पर पूर्ण प्रतिबंध से घबराई है कांग्रेस

डिजिटल डेस्क- अरावली पर्वतमाला की बदली हुई परिभाषा को लेकर सियासत गरमा गई है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि पहाड़ियों की नई परिभाषा से अरावली के 90 प्रतिशत से अधिक हिस्से को संरक्षण से बाहर कर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने साफ कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर इसलिए “घबराई हुई” है क्योंकि केंद्र सरकार ने गुजरात से दिल्ली तक पूरी अरावली श्रृंखला में खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। दरअसल, कांग्रेस ने दावा किया था कि पर्वतीय भू-आकृति की परिभाषा बदलने के बाद अरावली का बड़ा हिस्सा संरक्षित क्षेत्र की श्रेणी से बाहर हो जाएगा, जिससे खनन और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों का रास्ता खुल सकता है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इसे पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़ा खतरा बताते हुए केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे।

कांग्रेस के दावे का कोई प्रमाण नहीं- भूपेंद्र यादव

इन आरोपों पर पलटवार करते हुए भूपेंद्र यादव ने जयराम रमेश की सोशल मीडिया पोस्ट का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) द्वारा किए गए किसी भी अध्ययन में कांग्रेस के दावों का कोई प्रमाण नहीं मिलता। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “एफएसआई द्वारा स्पष्ट खंडन जारी किए जाने के बावजूद आप इस तरह के झूठे आरोप फैला रहे हैं, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।” कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भूपेंद्र यादव ने सवाल उठाया कि अगर पार्टी को वास्तव में पर्यावरण की चिंता है, तो वह अपने नेताओं से जवाब क्यों नहीं मांगती। उन्होंने कहा, “आपकी ‘पर्यावरणविद्’ वाली छवि तब ज्यादा विश्वसनीय होती, जब आप अपनी ही पार्टी के नेता अशोक गहलोत से पूछते कि अरावली पर्वतमाला को सबसे ज्यादा नुकसान किसके कार्यकाल में हुआ।”

अवैध खनन पर रोक के चलते कांग्रेस में बैचेनी- भूपेंद्र यादव

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसका गुट इसलिए बेचैन है क्योंकि मौजूदा सरकार ने अरावली में अवैध और अनियंत्रित खनन पर पूरी तरह रोक लगा दी है। उन्होंने दो टूक कहा कि सरकार पवित्र अरावली पर्वतमाला को फिर से लूटने नहीं देगी। यादव ने कहा, “हम कांग्रेस या उसके किसी भी नेता को अरावली को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं देंगे। जो कुछ भी पहले नष्ट किया गया है, उसके पुनर्निर्माण और संरक्षण के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं।” वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर पर्यावरण संरक्षण कानूनों को कमजोर करने, प्रदूषण मानकों में ढील देने और पारिस्थितिक संतुलन पर सुनियोजित हमला करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि नई परिभाषा से पर्यावरणीय सुरक्षा ढांचे को कमजोर किया जा रहा है।

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