13 ठिकानों पर लोकायुक्त की छापेमारी, जमीर अहमद के निजी सचिव के घर-ज़मीन और गाड़ियां जब्त

KNEWS DESK – कर्नाटक की राजनीति में उस वक्त हलचल मच गई जब लोकायुक्त ने राज्य सरकार में मंत्री जमीर अहमद के निजी सचिव सरदार सरफराज खान के ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की। लोकायुक्त अधिकारियों ने एक साथ 13 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर भारी मात्रा में संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और कीमती सामान बरामद किया है।

लोकायुक्त की इस कार्रवाई में शुरुआती जांच के दौरान कुल 14.38 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता चला है। अधिकारियों के मुताबिक, यह छापेमारी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोपों के तहत की गई।

छापेमारी में क्या-क्या मिला?

लोकायुक्त अधिकारियों को कार्रवाई के दौरान 8.44 करोड़ रुपये के आवासीय मकानों से जुड़े दस्तावेज, 37 एकड़ कृषि भूमि के रिकॉर्ड, 66,500 रुपये नकद, 2.99 लाख रुपये के सोने के आभूषण, 1.64 करोड़ रुपये की गाड़ियां, और 1.29 करोड़ रुपये की बैंक जमा राशि के सबूत मिले हैं।

इन सभी संपत्तियों को मिलाकर जांच एजेंसी ने सरदार सरफराज खान की कुल संपत्ति का आकलन 14.38 करोड़ रुपये किया है।

लोकायुक्त ने सरदार सरफराज खान के खिलाफ डिसप्रोपोर्शनेट एसेट्स (आय से अधिक संपत्ति) का मामला दर्ज किया है। इसी सिलसिले में बुधवार तड़के करीब 50 से ज्यादा लोकायुक्त अधिकारी और कर्मचारी एक साथ छापेमारी में शामिल हुए।

सरफराज खान की सरकारी जिम्मेदारियां

सरदार सरफराज खान कोऑपरेटिव सोसाइटीज़ निदेशालय में सीनियर अधिकारी हैं। इसके अलावा वह हाउसिंग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में सेक्रेटरी के रूप में डेपुटेशन पर तैनात हैं। फिलहाल वह लोकायुक्त की जांच के दायरे में हैं और उनसे जुड़े वित्तीय लेनदेन की गहन जांच की जा रही है।

कौन हैं मंत्री जमीर अहमद?

जमीर अहमद कर्नाटक की राजनीति का जाना-पहचाना चेहरा हैं। वह वर्तमान में कर्नाटक सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व जनरल सेक्रेटरी रह चुके हैं। इससे पहले वह राज्य सरकार में हज और वक्फ बोर्ड के मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।

उनका राजनीतिक सफर साल 2005 में तेज़ी से आगे बढ़ा, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा महाराष्ट्र के गवर्नर बने और चामराजपेट सीट खाली हुई। उस उपचुनाव में जमीर अहमद ने जीत दर्ज कर राजनीतिक पहचान बनाई। बाद में वह एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली JDS-BJP गठबंधन सरकार में मंत्री बने। साल 2018 में जमीर अहमद ने JD(S) छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया, जहां वह अब भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

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