नए साल पर सेना को राहत, 5 साल बाद जवानों को सोशल मीडिया इस्तेमाल करने की मिलेगी अनुमति

डिजिटल डेस्क- नया साल भारतीय सेना के जवानों और अधिकारियों के लिए एक अहम राहत लेकर आया है। सुरक्षा कारणों से वर्षों से सोशल मीडिया से दूर रखे गए सैनिक अब सीमित रूप में डिजिटल दुनिया से जुड़ सकेंगे। रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया उपयोग को लेकर अपने सख्त नियमों में आंशिक ढील देने का फैसला किया है। हालांकि, यह छूट बेहद नियंत्रित और सख्त शर्तों के साथ दी गई है। रक्षा सूत्रों से न्यूज 24 को मिली जानकारी के मुताबिक, अब भारतीय सेना के जवान और अधिकारी फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म देख सकेंगे। लेकिन वे किसी भी तरह का कंटेंट पोस्ट नहीं कर पाएंगे और न ही किसी पोस्ट पर टिप्पणी या शेयर कर सकेंगे। यह फैसला सुरक्षा और साइबर निगरानी को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

गलवान घाटी की घटना के बाद सैनिकों को सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर लगा दी गई थी रोक

गौरतलब है कि जून 2020 में गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद रक्षा मंत्रालय ने सेना कर्मियों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। 15-16 जून 2020 को हुई इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे। यह पिछले 45 वर्षों में एलएसी पर हुई सबसे भीषण झड़प थी। उस समय मंत्रालय का मानना था कि सोशल मीडिया के जरिए संवेदनशील जानकारी, लोकेशन और ऑपरेशनल डिटेल्स दुश्मन तक पहुंच सकती हैं। कई मामलों में यह देखा गया था कि सैनिक अनजाने में अपनी तैनाती की जगह, मूवमेंट और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर देते थे, जो बाद में वायरल हो जाते थे।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी थी पाबंदी

इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी सोशल मीडिया और मीडिया लाइव स्ट्रीमिंग पर सख्त पाबंदी लगाई गई थी। तब सेना के सभी कर्मियों को सोशल मीडिया के किसी भी प्रकार के उपयोग से पूरी तरह दूर रखा गया था। अब नए निर्देशों के तहत सैनिक केवल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को देखने और निगरानी के उद्देश्य से इस्तेमाल कर सकेंगे। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, खासतौर पर इंस्टाग्राम पर सैनिकों को केवल पोस्ट देखने की अनुमति दी गई है। फर्जी खबरों या भ्रामक कंटेंट को लाइक करना भी प्रतिबंधित रहेगा। सूत्रों ने साफ किया है कि कंटेंट पोस्ट करना, कमेंट करना या किसी भी तरह से इंटरैक्शन करना अब भी पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके साथ ही सभी सैन्य इकाइयों और विभागों को नए डिजिटल दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

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