डिजिटल डेस्क- देश की पहली एआई-ऑगमेंटेड प्राइवेट यूनिवर्सिटी के रूप में पहचान बना चुकी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश (सीयू यूपी) ने आगरा में उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए 21 मल्टीडिसिप्लिनरी पीएचडी प्रोग्राम्स की शुरुआत की है। इस ऐलान के साथ ही सीयू यूपी ने उत्तर प्रदेश को रिसर्च-इंटेंसिव हब बनाने की दिशा में मजबूत पहल की है। सीयू यूपी द्वारा शुरू किए गए पीएचडी प्रोग्राम्स को ग्लोबल फैकल्टी, हाई-टेक रिसर्च लैब्स और फुली फंडेड रिसर्च प्रोजेक्ट्स के साथ डिजाइन किया गया है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य ऐसे शोधार्थी तैयार करना है, जो एआई, इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के माध्यम से भविष्य की चुनौतियों का समाधान दे सकें।

यूपी में इस तरह की होगीं पहली लैब्स
यूपी में पहली बार पीएचडी स्कॉलर्स को हाई-एंड रिसर्च लैब्स, सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस, एप्पल विज़न प्रो लैब, एआई-एमएल रिसर्च सेंटर और विश्व के टॉप 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन मिलेगा। कृषि, हेल्थकेयर, सस्टेनेबल डेवलपमेंट, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सिक्योरिटी और क्वांटम रिसर्च जैसे क्षेत्रों में इन प्रोग्राम्स से शोध को बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। पीएचडी में प्रवेश चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी रिसर्च एप्टीट्यूड टेस्ट (सीयूआरएटी) के माध्यम से किया जाएगा। नेट, गेट, जीपैट और एमफिल योग्य उम्मीदवारों को प्रवेश परीक्षा से छूट दी जाएगी। योग्य शोधार्थियों को 35 हजार रुपये प्रति माह तक की फेलोशिप भी प्रदान की जाएगी। फुल-टाइम और पार्ट-टाइम दोनों मोड में पीएचडी करने की सुविधा उपलब्ध होगी।

सत्र 2026-27 के लिए 50 करोड़ रूपए छात्रवृत्ति का प्रावधान
सीयू यूपी ने 2026–27 सत्र के लिए छात्रों को 50 करोड़ रुपये तक की स्कॉलरशिप देने की घोषणा की है। इसके साथ ही वैज्ञानिक शोध को प्रोत्साहन देने के लिए सीवी रमन स्कॉलरशिप के तहत 3 करोड़ रुपये की अतिरिक्त छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाएगी। स्कॉलरशिप के लिए छात्र सीयूसीईटी पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। सीयू यूपी के रजिस्ट्रार डॉ. अजय यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय एआई, इनोवेशन और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करते हुए उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर रिसर्च का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। वहीं पीएचडी कोऑर्डिनेटर डॉ. उमाशंकर ने बताया कि सीयू यूपी के पीएचडी प्रोग्राम्स ग्लोबल स्टैंडर्ड्स पर आधारित हैं, जहां स्कॉलर्स को इंटरनेशनल कोलैबोरेशन, एडवांस्ड रिसर्च ट्रेनिंग और अत्याधुनिक लैब्स का लाभ मिलेगा।