फर्जी डॉक्टर बनकर करता था किडनी की सौदेबाजी, 5 राज्यों में फैले रैकेट का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क- महाराष्ट्र के चंद्रपुर से शुरू होकर देश के कई राज्यों और विदेश तक फैले कंबोडिया किडनी तस्करी रैकेट का पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। इस पूरे नेटवर्क के मुख्य एजेंट कृष्णा उर्फ रामकृष्ण मल्लेश सुंचू को आखिरकार सोलापुर से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी मूल रूप से एक इंजीनियर है, जिसने अपनी पहचान छुपाकर फर्जी डॉक्टर बनकर अंतरराष्ट्रीय किडनी तस्करी का जाल फैलाया। पुलिस जांच में सामने आया है कि कृष्णा हर किडनी के सौदे पर करीब एक लाख रुपये का कमीशन लेता था। आर्थिक तंगी और व्यापार में घाटे के बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। शुरुआत में उसने खुद अपनी किडनी बेची और फिर इसी रास्ते से एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा बन गया। धीरे-धीरे वह गरीब, जरूरतमंद और कर्ज में डूबे लोगों को बहला-फुसलाकर किडनी बिकवाने लगा।

12 लोगों की किडनी कंबोडिया में बेच चुका है शातिर

जांच के मुताबिक, कृष्णा के जरिए अब तक करीब 12 लोगों की किडनी कंबोडिया के ‘प्रेआ केत मेलीआ हॉस्पिटल’ (मिलिट्री हॉस्पिटल), फ्नॉम पेन्ह में बेची जा चुकी है। आरोपी सोशल मीडिया, खासकर फेसबुक के माध्यम से लोगों को संपर्क में लेता था। बड़े पैसों का लालच देकर उन्हें विदेश भेजा जाता और वहां अवैध तरीके से किडनी प्रत्यारोपण कराया जाता। इस पूरे मामले में चंद्रपुर के किसान रोशन कुडे की कहानी सबसे चौंकाने वाली है। भारी कर्ज से परेशान रोशन फेसबुक के जरिए कृष्णा के संपर्क में आया। आरोपी ने उसे आठ लाख रुपये देने का वादा किया। पहले कोलकाता में मेडिकल जांच कराई गई और फिर कंबोडिया भेजकर उसकी किडनी निकाल ली गई। बाद में रोशन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पूरा रैकेट उजागर हुआ।

भारत के कई राज्यों में फैला रखा है गिरोह

पुलिस के अनुसार यह गिरोह पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र तक फैला हुआ है। सोलापुर में आरोपी फर्जी नाम और पहचान के साथ रह रहा था और खुद को ‘डॉ. कृष्णा’ बताता था। गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से तीन दिन की पुलिस कस्टडी मिली है। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ में इस अंतरराष्ट्रीय रैकेट से जुड़े और बड़े चेहरे सामने आ सकते हैं।

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