KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश विधानसभा में स्कूलों और शिक्षक भर्ती को लेकर विपक्ष ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। समाजवादी पार्टी (सपा) के आरके वर्मा ने निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों के शोषण को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कई निजी स्कूल मनमानी शुल्क वसूल रहे हैं, जबकि आरटीई (राइट टू एजुकेशन) के तहत गरीब बच्चों को 25% आरक्षण का हक है। लेकिन सरकार इस कानून का अनुपालन कराने में विफल रही है। वर्मा ने सुझाव दिया कि निजी स्कूलों में भी सरकारी स्कूलों की तरह पुस्तकों और शुल्कों का निर्धारण किया जाए, ताकि अभिभावकों को अनावश्यक बोझ से बचाया जा सके।
विपक्ष के सवालों का जवाब शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के स्वीकृत पदों को समाप्त करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। साथ ही, उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा शिक्षक-छात्र अनुपात बनाए रखने का प्रयास करती है।
सपा के सचिन यादव ने शिक्षक भर्ती पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आज लगभग 1.5 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षक आज की भर्ती ड्यूटी, एसआईआर, मिड-डे मिल संचालन और अन्य कई जिम्मेदारियों में लगे हैं। इसके अलावा, हर साल लगभग 12,000 शिक्षक रिटायर हो रहे हैं, लेकिन पिछले छह वर्षों से कोई नई भर्ती नहीं हुई। यादव ने कहा कि आरक्षण का बोझ उठाने से बचने के लिए भर्ती रोकी जा रही है।
इस बहस ने साफ कर दिया कि यूपी में शिक्षा क्षेत्र में शिक्षक भर्ती और निजी स्कूलों में शुल्क वसूलने जैसे मुद्दों पर व्यापक सुधार की आवश्यकता है।