KNEWS DESK- देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में है। ठंड बढ़ने के साथ ही हवा में जहर घुलता जा रहा है और लोगों की सांसें भारी हो रही हैं। हर दिन यही सवाल उठ रहा है कि आखिर दिल्ली की हवा कब साफ होगी, लेकिन फिलहाल इसका कोई ठोस जवाब नजर नहीं आता।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ताजा आंकड़े हालात की गंभीरता को साफ दिखाते हैं। राजधानी के अधिकांश वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार दर्ज किया गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। आनंद विहार में AQI 463 तक पहुंच गया, जबकि अशोक विहार, जहांगीरपुरी, मुंडका, नेहरू नगर, ओखला फेज-2, विवेक विहार और वजीरपुर जैसे इलाकों में भी प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक बना हुआ है। कई अन्य क्षेत्रों जैसे रोहिणी, आरके पुरम, द्वारका, आईटीओ और चांदनी चौक में भी AQI 400 के आसपास या उससे ऊपर दर्ज किया गया।
हालांकि कुछ इलाकों में स्थिति थोड़ी बेहतर दिखी, लेकिन वह भी राहत देने वाली नहीं है। आईजीआई एयरपोर्ट (टी-3), आईआईटी दिल्ली, सीआरआरआई मथुरा रोड और लोधी रोड पर AQI ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रहा। शादिपुर में AQI 309 दर्ज किया गया, जो खराब और बेहद खराब की सीमा पर है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की रफ्तार कम होने, तापमान गिरने और वातावरण में नमी बढ़ने के कारण प्रदूषक कण नीचे ही फंसे हुए हैं। इसी वजह से प्रदूषण लंबे समय तक टिके रहने की आशंका जताई जा रही है। हालात की गंभीरता को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू कर दी हैं। इसके तहत निर्माण कार्यों पर रोक, कुछ वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध, दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम और स्कूलों में ऑनलाइन या हाइब्रिड पढ़ाई जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं।
इसके बावजूद दिल्ली की हवा में फिलहाल कोई बड़ा सुधार नहीं दिख रहा। वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली (AQEWS) के अनुसार, आने वाले तीन दिनों तक हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रह सकती है और अगले छह दिनों तक हालात ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ के बीच झूलते रहेंगे।
ऐसे में साफ है कि दिल्लीवासियों को अभी जहरीली हवा से राहत मिलने में समय लग सकता है। जब तक मौसम अनुकूल नहीं होता और प्रदूषण के स्रोतों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं किया जाता, तब तक स्वच्छ हवा की उम्मीद करना मुश्किल नजर आ रहा है।