KNEWS DESK- बांग्लादेश में चुनाव की घोषणा के बाद राजनीतिक हिंसा एक बार फिर तेज होती नजर आ रही है। इकबाल मंच के युवा नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद अब खुलना में एक और बड़ी वारदात सामने आई है। नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता बल के प्रमुख मोतलेब सिकंदर को सोमवार को दिनदहाड़े गोली मार दी गई।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार (22 दिसंबर) को खुलना में चुनाव प्रचार के दौरान अज्ञात हमलावरों ने मोतलेब सिकंदर को निशाना बनाया। गोली लगने के बाद उन्हें गंभीर हालत में नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। सोनडांगा थाना प्रभारी रफीकुल इस्लाम ने गोलीबारी की घटना की पुष्टि की है, हालांकि पुलिस की ओर से अभी आधिकारिक रूप से मौत की पुष्टि नहीं की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, सिकंदर के सिर और गर्दन में गोली मारी गई है। घटना के बाद से हमलावर फरार हैं। पुलिस ने इलाके में नाकेबंदी कर दी है और आरोपियों की तलाश के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह हमला उस्मान हादी की हत्या के तरीके से मिलता-जुलता है, जिन्हें भी सिर में गोली मारी गई थी।
घटना के बाद नेशनल सिटीजन पार्टी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। एनसीपी नेता महमूदा मितू ने सोशल मीडिया पर लिखा, “एनसीपी के खुलना मंडल प्रमुख और एनसीपी कार्यकर्ता शक्ति के केंद्रीय आयोजक मोतलेब सिकंदर को कुछ देर पहले गोली मार दी गई। उन्हें गंभीर हालत में खुलना मेडिकल कॉलेज ले जाया गया है।”
नेशनल सिटीजन पार्टी को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की कट्टर विरोधी पार्टी माना जाता है। पार्टी के संस्थापक और छात्र नेता नाहिद इस्लाम शेख हसीना के खिलाफ खुलकर हमलावर रहे हैं और उन्हें आतंकी व देशद्रोही तक कह चुके हैं। नाहिद इस्लाम को अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस का करीबी माना जाता है और वह यूनुस सरकार में सलाहकार पद पर भी रह चुके हैं।
37 वर्षीय मोतलेब सिकंदर खुलना के निवासी थे। उन्होंने 2024 के जुलाई विद्रोह में नाहिद इस्लाम के साथ अहम भूमिका निभाई थी। सिकंदर सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय थे और जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका मानी जाती थी।
2025 में जब नाहिद इस्लाम ने नेशनल सिटीजन पार्टी का गठन किया, तब मोतलेब सिकंदर को खुलना का प्रभार सौंपा गया था। वह पार्टी की सेंट्रल कमेटी के सदस्य होने के साथ-साथ कार्यकर्ता बल के प्रमुख पद पर भी कार्यरत थे। पार्टी के भीतर और जमीनी राजनीति में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती थी।
फिलहाल, इस घटना ने बांग्लादेश में चुनावी माहौल को और ज्यादा तनावपूर्ण बना दिया है। लगातार हो रही राजनीतिक हत्याओं से सुरक्षा व्यवस्था और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।